1 घंटे के सफर के लिए 2500 रुपये किराया, प्रति उड़ान 8000 रुपये का टैक्स

नई दिल्ली। कैबिनेट ने नई एविएशन पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। नई एविएशन पॉलिसी के तहत 1 घंटे के सफर के लिए 2500 रुपये का किराया तय किया गया है। सरकार 2500 रुपये से ज्यादा की लागत पर सब्सिडी देगी। वहीं 30 मिनट के लिए 1200 रुपये का हवाई किराया तय किया गया है।
सरकार ने 5/20 नियम को बदलकर 0/20 नियम को भी मंजूरी दे दी है। नई एविएशन पॉलिसी में एमआरओ और रीजनल एयरलाइंस का खास ख्याल रखा गया है। नई एविएशन पॉलिसी में छोटे एयरपोर्ट पर ज्यादा जोर दिया गया है। सरकार प्रति उड़ान 8000 रुपये का टैक्स लगाएगी और इन पैसों से 500 करोड़ रुपये का फंड बनाएगी।
उड्डयन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। हां (हितधारकों की राय लेने के लिए जारी मसौदे में) कुछ बदलाव किए गए हैं। मंत्री आज ही कुछ समय बाद इसकी जानकारी देंगे।"
नीति का मकसद ऐसी उड्डयन अवसंरचना तैयार करना है, जो 2022 तक 30 करोड़ घरेलू यात्रियों को, 2027 तक 50 करोड़ घरेलू यात्रियों को और 2027 तक ही 20 करोड़ अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को सेवा देने में सक्षम हो। वित्त वर्ष 2014-15 में देश के घरेलू विमान यात्रियों की संख्या 13.932 करोड़ और अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों की संख्या पांच करोड़ से अधिक थी।
नई नीति के लागू होने के बाद अब यात्रियों को घरेलू टिकट कैंसिल कराने पर रिफंड पंद्रह दिनों के अंदर मिल जाएगा, जबकि अंतरराष्ट्रीय हवाई टिकट कैंसिल करवाने पर 30 दिन के अंदर रिफंड मिलेगा। अगर कोई यात्री अपना टिकट कैंसिल करवाता है तो कैंसिलेशन चार्ज के तौर पर 200 रुपए से ज्यादा वसूला नहीं जा सकता।
अब विमानन कंपनियों को अंतरराष्‍ट्रीय उड़ानों के लिए 20 विमानों की जरूरत होगी लेकिन अंतरराष्‍ट्रीय सेवा शुरू करने के लिए पांच साल का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। विमान में ओवर बुकिंग होने पर अगर यात्री को सवार नहीं होने दिया जाता है तो उसकी मुआवजा राशि बढ़ाकर 20 हजार रुपए कर दी गई है।
उड़ान के वक्त से 24 घंटे के अंदर फ्लाइट कैंसिल होती है तो मुआवजे की राशि 10 हजार रुपए तक होगी। प्रोमो और स्पेशल फेयर्स समेत सभी पर रिफंड्स लागू होंगे। 15 किलो के सामान के बाद 5 किलो तक के लिए 100 रुपये प्रति किलो से ज्यादा चार्ज नहीं किए जाएंगे।