लखनऊ: प्रदेश के इटावा जिले के दुर्गम बीहडों में स्थित दुनिया के इकलौते पांच नदियों के संगम स्थल पंचनदा को फिल्मों की शूटिंग के लिहाज से विकसित करने की पहल की जायेगी। एक वक्त में खंूखार डाकुओं की शरणस्थली के तौर पर कुख्यात रहे पंचनदा में यमुना, चंबल, सिंधु, क्वारी और पहुज नदियों का मिलन होता है।
उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के सदस्य श्री विशाल कपूर ने यह जानकारी देते हुये बताया कि उन्होंने पांच नदियों के संगम के तौर पर लोकप्रिय पंचनदा का अवलोकन करने के बात यह निर्णय लिया है कि इस अहम स्थल को फिल्मों की शूटिंग के लिहाज से विकसित किया जाना चाहिये।
श्री कपूर ने कहा कि इस स्थल का बेहद शांत वातावरण और यहां के मनमोहक नज़ारे फिल्मों की शूटिंग के लिहाज़ से बेहद अनुकूल हैं। साथ ही, यहां पर वन्य जीवों की बहुलता भी किसी भी फिल्म की शूटिंग को जानदार और शानदार बनाने में सहायक होगी।
श्री कपूर ने बताया कि इस संबंध में उनकी इटावा के जिलाधिकारी श्री नितिन बंसल से भी बात हुई है और पंचनदा को विकसित करने की दिशा में प्रस्ताव शासन को भिजवाने की भी बात तय की गई है। जिलाधिकारी से हुई बातचीत का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि बेशक पंचनदा सैंक्च्युरी एरिया में आता है, लेकिन उत्तर प्रदेश में बेहतर पयर्टन केन्द्र बनाने की दिशा में अगर कोई बेहतर कार्य किया जाता है तो उन कठिनाईयों को भी दूर करने की कोशिश की जायेगी जो सैंक्च्युरी एरिया होने के नाते आती हैं।
श्री कपूर ने कहा कि वे मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को पंचनदा के महत्व के बारे में पूर्ण रूप से अवगत कराने के साथ-साथ इस बात को भी उनके सामने रखेंगे कि अगर पंचनदा फिल्मों की शूटिंग के लिहाज़ से विकसित कराया जाता है तो इससे देश के कई नामी फिल्मकारों को यहां पर शूटिंग के लिए आकर्षित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि विकसित होने पर पंचनदा के इलाके के लोगों की बेरोजगारी भी दूर होगी, और फलस्वरूप प्रदेश सरकार द्वारा बेरोजगारी दूर करने का जो वादा किया गया है उसे भी बड़ी हद तक पूरा किया जा सकेगा।
श्री कपूर ने बताया कि वैसे चंबल के बीहडों को लेकर सैकडों फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है, जिनमें कई बेहद लोकप्रिय भी हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव प्रदेश के चहुंमुखी विकास के साथ-साथ फिल्म निर्माण की दृष्टि से भी प्रदेश के विकास को गति दे रहे हैं। इससे रोजगार के बड़े अवसर पैदा होंगे और युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार मिल सकेगा।