मथुरा। कब्जाधारियों की लोकेशन का जायजा लेने को पहुंचे एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी की मौत गोली से नहीं हुई। उनकी मौत कब्जाधारियों के चारों ओर से घेर कर लाठी-डंडों के प्रहार करने के कारण हुई। यह खुलासा एसपी के शव के पोस्टमार्टम में हुआ है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी की मौत की वजह लाठी-डंडों का प्रहार आया है। इधर एसओ फरह को लगी गोली एके 47 से चलने की बात कही जा रही है।
ढाई साल से अवैध कब्जेधारियों की गिरफ्त में रहा जवाहरबाग आखिर गुरुवार शाम को पुलिस ने खाली करा ही लिया। मगर कब्जेधारियों के चंगुल से जवाहरबाग को मुक्त कराने में एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और एसओ फरह संतोष कुमार यादव का बलिदान हो गया। गुरुवार शाम को जवाहरबाग में हुई हिंसक झड़प में एसपी सिटी की मौत होने के बाद शुक्रवार को उनके शव का पोस्टमार्टम कराया गया। इसमें एसपी की मौत की वजह लाठी-डंडों का प्रहार आया है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आया है कि एसपी के सिर की कई हड्डियां टूटी हुई हैं। वहीं उनके शरीर के अन्य हिस्सों में भी गहरे चोट के निशान मिले हैं। इधर एसओ फरह संतोष यादव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी चौकाने वाली है। उनके शरीर में मिली गोली एके 47 रायफल से चलने की संभावना जताई जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में संतोष की नाक के ऊपर एक गोली लगी बताई गई है जो कि दाहिने कान के पास से होकर शरीर के पार निकल गई। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कब्जाधारियों के पास एके 47 स्तर के हथियार मौजूद रहे होंगे। क्योंकि देशी तमंचे से चलाई गोली पार नहीं हो सकती है। हालांकि पुलिस को मौके से एके 47 तो नहीं मिली लेकिन उसके कारतूस बरामद होने की बात पुलिस कर्मियों द्वारा कही जा रही है।