नई दिल्ली: देश के पचास हजार से ज्यादा मुस्लिम महिलाएं और पुरुष चाहते हैं कि 'ट्रिपल तलाक' यानी तीन बार तलाक कहने पर रोक लगे। तीन तलाक के खिलाफ 50 हजार मुस्लिमों ने हस्‍ताक्षर अभियान चलाया है।
भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन (BMMA) ने तीन बार तलाक कहने को बैन करने के लिए एक अभियान शुरू किया है। इसके तहत एक याचिका तैयार की गई है, जिसपर 50 हजार मुस्लिमों ने हस्ताक्षर किए हैं। गुजरात, महाराष्‍ट्र, यूपी समेत 13 राज्‍यों के मुस्लिमों ने इस पर हस्‍ताक्षर किए है। हालांकि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसके विरोध का ऐलान किया है।
भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन ने नेशनल कमिशन फॉर वुमेन (NCW) से भी इस अभियान को अपना समर्थन देने के लिए संपर्क साधा है। याचिका पर गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, केरल, उत्तर प्रदेश राज्यों के मुस्लिमों ने हस्ताक्षर किए हैं। भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन की संयोजक नूरजहां साफिया नियाज के मुताबिक आने वाले दिनों में और लोग इस अभियान को अपना समर्थन देंगे।
नेशनल कमिशन फॉर वुमेन की चीफ डॉक्टर ललिता कुमारमंगलम को लिखी चिट्ठी में BMAA ने कहा है कि 'मुस्लिम महिलाओं को भी संविधान में अधिकार मिले हैं। इसलिए अगर कोई कानून समानता और न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है तो उस पर रोक लगनी चाहिए। चिट्ठी में यह भी लिखा गया है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ को पूरी तरह से बदलने में समय लगेगा, लेकिन तब तक 'ट्रिपल तलाक' पर बैन लगने से लाखों मुस्लिम महिलाओं को राहत मिलेगी।