लखनऊ। निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर प्रीति महापात्रा के नामांकन के साथ ही यूपी में राज्यसभा का चुनाव अब दिलचस्प हो गया है। राज्यसभा की 11 सीटों के लिए अब 12 उम्मीदवार मैदान में हैं। ऐसे में नाम वापसी तक अगर किसी उम्मीदवार ने नाम वापस नहीं लिया तो वोटिंग तय मानी जा रही है। प्रीति की उम्मीदवारी से सबसे मुश्किल में हैं कपिल सिब्बल जिन्हें राज्यसभा पहुंचने के लिए सपा से छह वोटों की मदद की दरकार है लेकिन सपा के एक बागी रामपाल खुले तौर पर प्रीति के समर्थन में आ गए हैं। बीजेपी समेत कई दलों के करीब बीस विधायक प्रीति महापात्रा के समर्थन में दिख रहे हैं। प्रीति उड़ीसा के बड़े कारोबारी की पत्नी हैं और उन्हें पीएम के समर्थक के तौर पर भी जाना जाता है।
राज्यसभा के लिए कुल 11 सीटों पर अब 12 प्रत्याशी मैदान में आ गए हैं| अगर आंकड़ों को देखा जाए तो राज्यसभा सीट हासिल करने के लिए 34 विधायकों के वोटों की जरूरत है| जबकि कांग्रेस के पास विधानसभा में 29, भाजपा के पास 42 और बसपा-सपा के पास 80 और 229 विधायक हैं| ऐसे में राज्यसभा चुनाव में तय उम्मीदवारों की जीत के लिए सभी पार्टियों के बीच क्रास वोटिंग की संभावना साफ दिख रही है| सबसे बड़ी मुश्किल है कपिल सिब्बल के सामने। राज्यसभा पहुंचने के लिए उन्हें सपा-बसपा से पांच वोटों की दरकार है। पर प्रीति की उम्मीदवारी ने खुद ही इन दोनों दलों की नींद उड़ा दी है। सियासी गलियारे में चर्चा है कि प्रीती सपा और बसपा का खेल बिगाड़ने आई हैं।