नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन की नियुक्ति के मामले में चुप्पी तोड़ी है। मोदी ने कहा है कि राजन की पुनर्नियुक्ति प्रशासनिक विषय है और इसमें मीडिया को रुचि नहीं होनी चाहिए। हाल के महीनों में राजन पर लगातार हमलों के बीच प्रधानमंत्री ने पहली बार इस पर टिप्पणी की है।
मोदी ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि इस प्रशासनिक विषय में मीडिया की रचि होनी चाहिए। मोदी ने ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ से कहा कि इसके अलावा यह मुद्दा सितंबर में ही आएगा। प्रधानमंत्री से पूछा गया था क्या आप राजन को केंद्रीय बैंक के गवर्नर के तौर पर फिर से नियुक्त करने के पक्ष में हैं।
उनसे राजन के बारे में पूछा गया था जिनका तीन साल का कार्यकाल सितंबर में समाप्त हो रहा है। राजन को खरी-खरी बोलने वाला माना जाता है। वह कई मुद्दों मसलन असहिष्णुता आदि पर अपनी राय रख चुके हैं। यहां तक कि वह भारतीय अर्थव्यवस्था को ‘अंधों में काना राजा’ भी बता चुके हैं।
बीजेपी सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने राजन पर कई आरोप लगाए हैं। स्वामी ने यहां तक आरोप लगाया है कि राजन दुनिया भर में गोपनीय और संवेदनशील सूचनाएं भेजते हैं। बीजेपी नेता ने प्रधानमंत्री से राजन को तत्काल हटाने की मांग की है। स्वामी का यह भी आरोप है कि राजन सार्वजनिक तौर पर मोदी सरकार का अपमान करते रहे हैं।
वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि रिजर्व बैंक और सरकार के बीच निरंतर बातचीत होती है और यह संबंध जारी है। जेटली ने यह भी कहा है कि रिजर्व बैंक गवर्नर सहित किसी के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी के पक्ष में नहीं हैं।