जल योद्धाओं ने जल संरक्षण हेतु जागरूकता अभियान चलाया

लखनऊ: शहर के पार्कों में अण्डरग्राउण्ड पार्किंग की तरह खाली पार्कों में अण्डरग्राउण्ड तालाब बनवाकर वर्षा का पानी स्वीमिंगपुल का पानी तालाबों में वापस किया जाये। जिला अधिकारी/नियन्त्रक नागरिक सुरक्षा के निर्देशानुसार विशेष जल संचयन अभियान/ मुख्यमंत्री के क्लीन लखनऊ, ग्रीन लखनऊ प्रोजेक्ट के अंतर्गत पाॅलीटेक्निक चौराहे, पोस्ट संख्या-09 के पोस्ट वार्डेन श्री दयाराम यादव द्वारा गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता श्री जी0एस0 सेठी, डिप्टी चीफ वार्डेन लखनऊ एवं सहायक उप नियन्त्रक, श्रीमती ममता रानी ने जल संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला।
गोमती नगर प्रखण्ड के डिवीजनल वार्डेन, महादेव प्रसाद यादव ने कहा कि पृथ्वी से जल दोहन के कारण पृथ्वी की कोख सूख रही है। यदि जल पृथ्वी को वापस भी किया जाये इससे भी जल संचय हो सकता है। पहले प्रत्येक गांव में तालाब थे, वर्षा का पानी और डेलीयूज से बचा हुआ पानी नालियों के माध्यम से तालाबों मंे जमा होता था, जो पृथ्वी की कोख में समा जाता था। अब तालाब पाट दिये गये। अधिकांश पानी सीवरेज के माध्यम से नदियों और समुद्र में चला जाता है। जरूरत है कि ये पानी संचय किया जाये।
श्री यादव ने शासन का ध्यान आकृष्ट करते हुए स्वीमिंगपूल का पानी पृथ्वी की कोख में डालने की व्यवस्था कराने तथा शहरीकरण होने से पानी का दोहन कम करने को कहा। शहर की जमीन सड़कों और मकानों में पक्की हो गयी है, जिससे वर्षा का पानी पृथ्वी को वापस नहीं मिल पाता। इससे शहर के पार्कों में जिस तरह अण्डरग्राउण्ड पार्किंग करके गाड़ियां नीचे खड़ी कराने की व्यवस्था है, ठीक उसी तरह बचे पार्कों में अण्डरग्राउण्ड तालाब बनाकर वर्षा का पानी पृथ्वी को वापस किया जाये, जिससे प्रतिवर्ष गिरते जल स्तर में रूकावट की जा सकती है।
श्री यादव ने कहा कि बिजली के मीटर की तरह प्रत्येक घर में पानी के मीटर लगवाये जायें। पानी बरबाद करने वालों पर मुकदमें दर्ज कराये जाये। जब तक कोई ऐसे कदम नहीं उठाये जायेंगे तब तक जल का दुरूपयोग जारी रहेगा और जल स्तर गिरता जायेगा। एक दिन कुंए, तालाबों की तरह पृथ्वी के नीचे का जल सूख जायेगा। सभी जीव जन्तुओं का जीव खतरे में पड़ जायेगा।
श्री दयाराम यादव ने पाॅलीटेक्निक चौराहे पर यात्रियों को पर्चे बांटकर जगह-जगह पोस्टर और बैनर लगवाने हेतु उनके सभी सेक्टर वार्डेनों को धन्यवाद दिया। आयोजकों द्वारा सराहनीय कार्य करने वाले जल योद्धाओं को सम्मानित किया गया।