कंधार। आतंकी संगठन अफगान तालिबान ने बुधवार को मुल्ला अख्तर मंसूर के अमरीकी ड्रोन हमले में मारे जाने की पुष्टि की। साथ ही तालिबान ने अपने नए चीफ की नियुक्त भी कर दी है। मावलावी हैबतुल्ला अखुंदजादा को तालिबान का चीफ नियुक्त किया गया है।
अफगान तालिबान ने ने मीडिया में जारी बयान में कहा कि उसका नया नेता मुल्ला हैबतुल्ला अखुंदजादा है और वह मंसूर के दो सहायकों में से एक है। अखुंदजादा को तालिबान नेताओं की बैठक में गुट का प्रमुख चुना गया। माना जा रहा है कि यह बैठक पाकिस्तान में हुई। तालिबान के प्रवक्ता ने बताया कि मोहम्मद याकूब और सिराजुद्दीन हक्कानी संयुक्त उपनेता होंगे। ये दोनों तालिबान के संस्थापक मुल्ला मोहम्मद उमर के बेटे हैं। अलजजीरा के मुताबिक अखुंदजादा तालिबान के भीतर कोई नया नाम नहीं है। ग्रुप के भीतर उसकी बहुत इज्जत है। यह मुल्ला उमर से भी बड़ा है। उसी ने इसे अंखुदजादा कहा था। अखुंजदा का मचलब टीचर होता है।
अखुंदजादा कंधार से है। वह नूर्जी आदिवासी है। इसमें तालिबान को फिर से खड़ा करने की क्षमता है। इससे पहले वह ग्रुप में चीफ जस्टिस रहा था। मुल्ला अख्तर मंसूर शनिवार को उस समय पाकिस्तान में मारा गया जब एक अमरीकी ड्रोन ने उसकी गाड़ी को निशाना बनाया था। ऐसा माना जा रहा है कि पहली बार कोई तालिबानी नेता पाकिस्तानी सीमा क्षेत्र में इस तरह से मारा गया है। यह माना जाता है कि पाकिस्तानी अधिकारी अफगान सीमावर्ती शहरों में तालिबान के नेताओं को समर्थन देते हैं। ये आतंकी 2001 से अफगानिस्तान सरकार को सत्ता से बाहर करने की कोशिश में जुटे हैं।
अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सोमवार को तालिबान प्रमुख मुल्ला मंसूर के पाकिस्तान के दक्षिण पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में मारे जाने की पुष्टि की थी। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और अन्य नेताओं ने भी कहा कि तालिबान प्रमुख अमरीका के ड्रोन हमले में मारा गया। वहीं पाकिस्तान का कहना है कि मारे गए शख्स की पुष्टि के लिए जांच चल रही है।
मंसूर की मौत को ओबामा ने अफगानिस्तान में शांति बहाली के प्रयासों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम करार दिया था। ओबामा ने बयान में कहा,हमने एक संगठन के उस नेता को खत्म कर दिया जो अमरीका व गठबंधन बलों के खिलाफ हमलों की,अफगान लोगों के खिलाफ लगातार जंग की साचिश रचता रहा और खुद को अलकायदा जैसे चरमपंथी गुटों के साथ रखता है। मंसूर ने जुलाई 2015 में तालिबान की कमान संभाली थी। उसने तालिबान के संस्थापक मुल्ला मोहम्मद उमर की जगह ली थी।