कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल करने वाली तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी को आज एकमत से पार्टी विधायक दल का नेता चुन लिया गया। इससे लगातार दूसरी बार ममता के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया। ममता 27 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी।
बेहाला पश्चिम सीट से फिर चुने गए तृणमूल कांग्रेस महासचिव पार्थ चटर्जी ने तृणमूल विधायक दल के नेता के लिए ममता का नाम प्रस्तावित किया, जिस पर पार्टी के सभी नवनिर्वाचित विधायकों ने सहमति जाहिर की। बाद में ममता ने राज भवन में राज्यपाल के एन त्रिपाठी से मुलाकात की और नई सरकार बनाने का दावा पेश किया।
राज्यपाल से मुलाकात के बाद ममता ने कहा कि 20 मई एक पवित्र दिन है, क्योंकि 2011 में इसी दिन हमारी सरकार ने ‘परिवर्तन’ के बाद शपथ ली थी। इसलिए हम राज्यपाल से मिलने और अपनी पार्टी की तरफ से उन्हें एक पत्र सौंपने के लिए आए थे। तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय, सुब्रत बक्षी, सौगत रॉय और मुकुल रॉय ममता के साथ राज भवन गए।
अपने आवास पर पार्टी के सभी नवनिर्वाचित विधायकों से मुलाकात करने वाली ममता ने उन्हें लोगों से संपर्क में रहने को कहा। बैठक में मौजूद रहे तृणमूल के एक विधायक ने कहा कि बैठक में हमारी नेता ममता बनर्जी ने हमें जनता से संपर्क बनाने को कहा, क्योंकि शिथिलता बरतने की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन्हें हार मिली है वे अपने अहंकार की वजह से हारे। उन्होंने हमें जमीन से जुड़े रहने की सलाह दी। तृणमूल कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि पार्टी ने फैसला कर लिया है कि वह 2019 के लोकसभा चुनावों में निर्णायक भूमिका निभाएगी।
सूत्रों ने कहा कि हमारा मकसद 2019 के लोकसभा चुनाव हैं, इसलिए हमारे पार्टी नेतृत्व ने तय किया है कि इस साल दुर्गा पूजा के बाद हम उस दिशा में काम करेंगे। हमारे नेता अक्सर दिल्ली जाएंगे।