नई दिल्ली। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने चार राज्यों में विधानसभा चुनावों में निराशाजनक परिणाम को लेकर संगठन में ‘बड़े सुधार’ की वकालत की है। कांग्रेस महासचिव सिंह ने ट्वीट कर कहा, ‘आज के परिणाम निराशाजनक हैं लेकिन अनपेक्षित नहीं हैं। हमने काफी आत्ममंथन किया है और हमें बड़े सुधार की जरूरत है।’ उन्होंने अंग्रेजी में लिखे अपने ट्वीट में कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया। दिग्विजय ने लिखा, 'इनफ इंट्रोस्पेक्शन, मेजर सर्जरी नीडेड'
दिग्विजय के सुझाव ऐसे समय में आए हैं जब कांग्रेस सचिवालय में फेरबदल की बात चल रही है और इस तरह के संकेत हैं कि राहुल गांधी को पार्टी प्रमुख बनाया जा सकता है। वहीं, गोवा में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का कहना है कि आज के चुनाव परिणाम पार्टी के लिए ज्यादा उत्साहवर्धक नहीं हैं और मौजूदा रुख ‘गंभीर चिंता’ का विषय है।
उन्होंने कहा, ‘चुनावी नतीजे कांग्रेस के लिए बहुत उत्साहवर्धक नहीं हैं, लेकिन लोकतंत्र में हमें जनता के फैसले का सम्मान करना होता है।’ सिंह ने कहा कि दो महत्वपूर्ण राज्य असम और केरल कांग्रेस ने गंवा दिए। ‘तमिलनाडु तथा पश्चिम बंगाल में भी हमारा गठबंधन कुछ नहीं कर पाया। असम में हमें सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ा और अंतिम क्षणों में हमारे एक वरिष्ठ नेता बीजेपी में चले गए।’ कांग्रेस महासचिव ने कहा कि उनकी पार्टी जनता के फैसले का सम्मान करेगी और विपक्ष में बैठकर उनकी सेवा करेगी।
इस सवाल पर कि क्या कांग्रेस मुक्त भारत का बीजेपी का आह्वान हकीकत में बदल रहा है, दिग्विजय ने कहा कि कांग्रेस ने ऐसे हालात में हमेशा पलटकर अपनी ताकत दिखाई है। हालांकि मौजूदा हालात गंभीर चिंता का विषय हैं। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ‘बीजेपी धर्म के आधार पर वोटों का ध्रुवीकरण कर चुनाव जीतती है।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अगले वर्ष होने वाले गोवा विधानसभा चुनाव में अपनी स्थिति सुधारने की उम्मीद है।
गोवा में बीजेपी सरकार गिरा सकती थी कांग्रेस
वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि दो साल पहले उनकी पार्टी के पास गोवा की बीजेपी नीत सरकार को गिराने का एक मौका था लेकिन उसने ऐसा नहीं किया क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी दलबदल करा कर इस तरह का कदम उठाने के खिलाफ हैं। सिंह ने गोवा प्रदेश कार्यकारिणी समिति की बैठक में कहा, ‘उन्होंने जो कुछ अरूणाचल प्रदेश और उत्तराखंड में किया, हम आसानी से कर सकते थे।’
कांग्रेस महासचिव ने दावा किया, ‘मौजूदा सरकार (गोवा की बीजेपी सरकार) के पहले दो साल में इसकी गुंजाइश थी। लोग (विधायक) दल-बदल के लिए तैयार थे।’ सिंह ने दावा किया कि कांग्रेस मनोहर पर्रिकर नीत सरकार गिरा सकती थी, लेकिन पार्टी अध्यक्ष ने साफ तौर पर कहा कि दलबदल कराने में उनकी कोई रूचि नहीं है।