नई दिल्ली। आज आखिरकार जम्मू-कश्मीर में पीडीपी-बीजेपी की सरकार बन ही गई। लेकिन नई सरकार के मुख्यमंत्री बनते ही मुफ्ती मोहम्मद सईद अपने काम से नहीं बल्कि बयान से विवादों में आ गए। मुख्यमंत्री बनने के बाद मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव के लिए आतंकवादियों, हुर्रियत नेताओं और पाकिस्तान ने बेहतर माहौल बनाया। मुफ्ती के इस बयान पर सरकार में सहयोगी बीजेपी के साथ उनके रिश्ते के भविष्य को लेकर सवाल भी उठने शुरू हो गए हैं।
आज इस सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में पीडीपी प्रमुख मुफ्ती मोहम्मद सईद ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। बीजेपी के निर्मल सिंह राज्य के उप-मुख्यमंत्री बने। निर्मल सिंह जम्मू-कश्मीर में मंत्री बनने वाले बीजेपी के पहले विधायक हैं।
जम्मू-कश्मीर में नई सरकार बनने के करीब घंटे भर बाद ही जब नए मुख्यमंत्री मीडिया से रू-ब-रू हुए तो विवादों का पिटारा खोल दिया। इस बयान के बाद ये साफ हो गया कि नया गठबंधन तनी हुई रस्सी पर चलने से कम नहीं। दो अलग-अलग विचारधाराओं के मिलने से चलने वाली सरकार में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 और एएफएसपीए जैसे मुद्दों पर मतभेद किसी से छुपे नहीं। न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर सरकार के बनने के बावजूद विवादों का पिटारा तैयार है।
सीएम मुफ्ती मोहम्मद सईद ने एएफएसपीए पर कहा है कि मैं मुख्यमंत्री के तौर पर उन्हें एकाउंटेबल बनाऊंगा। सेना की भूमिका, स्कूल बगेराह बनाने के काम था। पार्टी को एकाउंटेबल बनाना है। इस एग्रीमंट में ये है कि पार्टी के पास जो गैरकानूनी जमीन है तो उसे वो जमीन वापस करनी होगी या फिर उसका हरजाना देना होगा।
दो महीने की जद्दोजहद के बाद बनी पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार से लोगों को ढेर सारी उम्मीदें हैं। लेकिन पहले ही दिन काम के बजाए सीएम के बयान से उठे विवाद ने विपक्षी दलों को आलोचना करने का मौका मिल गया। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट के जरिए जम्मू सरकार पर निशाना साधा है।
पाकिस्तान, हुर्रियत और आतंकियों ने शांतिपूर्ण चुनाव होने दिए। मुझे लगता है हमें उनकी दरियादिली के लिए शुक्रगुजार होना चाहिए। बीजेपी कृपया बताए कि आपके सीएम के मुताबिक पाकिस्तान ने चुनाव करवाए तो फिर सुरक्षा बलों और मतदान कर्मचारियों की भूमिका क्या थी?
कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज के मुताबिक मुफ्ती खुद कहते थे कि ये नार्थ पोल और साऊथ पोल है। अब देखते है, ये कैसे मिलते है और काम होता है हम विपक्ष मे अपना काम करेगें। इससे पहले आज एक दशक बाद जम्मू-कश्मीर में मुफ्ती मोहम्मद सईद की सत्ता में वापसी के साथ ही जम्हूरियत का कमल कुछ अलग अंदाज में खिलता नजर आया। जब इस मौके का गवाह बनने का वक्त आया तो जम्मू यूनिवर्सिटी के जनरल जोरावर सिंह सभागार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लालकृष्ण आडवाणी, अमित शाह और एमएल खट्टर समेत बीजेपी के कई दिग्गज पहुंच गए।
राज्याल एन एन वोहरा ने सईद को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। सईद ने राज्य के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जबकि बीजेपी के निर्मल सिंह ने उप मख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। दोनों नेताओं ने न्यूनतम साझा कार्यक्रम के आधार पर राज्य की खुशहाली का वादा किया।
पहली बार पीडीपी-बीजेपी की गठबंधन सरकार के लिए सईद सहित 25 मंत्रियों ने शपथ ली। इन मंत्रियों में पीडीपी से 14 और बीजेपी कोटे से 11 मंत्री हैं। पीडीपी की इकलौती महिला विधायक आशिया नकाश और बीजेपी से प्रिया शेट्टी को मंत्रिमंडल में जगह मिली। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन बीजेपी के कोटे से मंत्री बने।
चुनाव में किसी पार्टी को साफ बहुमत नहीं मिलने के बाद दिसंबर से जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन था। 28 विधायकों के साथ पीडीपी सबसे बड़ी पार्टी और 25 विधायकों के साथ बीजेपी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी।
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