नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरूण जेटली 28 फरवरी को संसद में मोदी सरकार का पहला फुल बजट पेश करेंगें। इस बजट से केवल आम आदमी को ही नहीं बल्कि कॉर्पोरेट जगत और इंडस्ट्रीज को भी बहुत उम्मीदें हैं।
सैलेरीड क्लास की आम बजट 2015-16 से सबसे बड़ी उम्मीद है टैक्स में छूट।
– सैलेरीड क्लास चाहती है कि टैक्स में छूट की लिमिट 2.50 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रूपए कर दी जाए।
– इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत निवेश की सीमा को 1.5 लाख रूपए से बढ़ा कर कम से कम 3 लाख रूपए कर दिया जाए।
– बेसिक डिडक्शंस, मेडिकल रीएम्बर्समेंट आदि को बढ़ाया जाए।
– टैक्स स्लैब को रिवाइस कर इसे 0-10 लाख रूपए तक 10 प्रतिशत (2.5 लाख रूपए की मौजूदा छूट के बाद), 10 से 20 लाख रूपए पर 20 प्रतिशत और 20 लाख रूपए से ज्यादा आय पर 30 प्रतिशत कर लगाया जाए।
मिडिल क्लास की सबसे बड़ी उम्मीद तो है टैक्स का भार और महंगाई कम होना। मिडिल क्लास चाहता है कि खाद्य सामग्री, दालें, सब्जियां आदि सस्ती हों ताकि घरेलू बजट फिर से पटरी पर आ सके। इसके साथ ही मिडिल क्लास के लिए नौकरी के अवसर पैदा किए जाएं।
ज्वैलर्स को उम्मीद है कि सरकार सोने पर इम्पोर्ट ड्यूटी में कटौती करेगी। वर्तमान में यह 10 फीसदी पर है। इम्पोर्ट ड्यूटी में कटौती से सोने के दाम कम होंगे और स्मगलिंग में भी कमी आएगी।
मेन्यूफेक्चर – लघु और मध्यम एंटरप्राइसेस को नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया से उम्मीद हैं। वे टेक्सेशन, गार और एफडीआई में सुधार की उम्मीद रखते हैं।
इंश्यॉरेंस – 10 साल से ज्यादा लंबी पॉलिसी पर टेक्स छूट मिले।
तकनीक – डिजिटल इंडिया को बनाने के लिए बेसिक तकनीकी इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत।
ऑटोमोबील – ऑटोमोबील्स पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती की उम्मीद की जा रही है।
ई-कॉमर्स – इस क्षेत्र के लिए रेगुलेटरी और टैक्स रिफॉर्म की जरूरत है। ई-कॉमर्स वेबसाइट के मालिक गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (जीएसटी) लागू होने की उम्मीद कर रहे हैं।
बैंकिंग – असेट रिकवरी लॉ में बदलाव, कैपिटल रेजिंग के लिए रोडमैप और कैपिटल एक्स्पेंडिचर रिवाइवल की उम्मीद।
मिनिमम ऑल्टर्नेटिव टैक्स (मैट) रेट में कटौती कर इसे 10 फीसदी तक लाया जाए, विदेशी निवेशकों के लिए डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (डीडीटी) की जगह विदहोल्डिंग टैक्स और डीडीटी की रेट में क टौती, कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी कॉस्ट में कटौती की जाए।
सरकार जीडीपी के 3.6 प्रतिशत तक वित्तीय घाटे को लाए यानी कि वित्तीय घाटा कम करे, कॉर्पोरेट टैक्स रेट में बदलाव, जीएसटी लागू किया जाए।
ग्रामीण इलाकों में रह रहे बच्चों तक शिक्षा सस्ते दामों में पहुंचाई जाए। सरकार क्रेडिट गारंटी फंड ऑफर करे जिससे बैंक बिना कोलेट्रल के लोन दे सके। लड़कियों की शिक्षा के लिए महिला बैंक एजुकेशनल लोन की सुविधा दें।
बजट से गुड्स व सर्विस टैक्स (जीएसटी) की उम्मीद की जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक सबसे के पास घर होने का सपना दिखाया है, इससे आम आदमी की उम्मीदें बढ़ गई हैं। सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए टैक्स इंसेंटिव्स लाए या इसे रेशनलाइज करे। इसके अलावा होम लोन पर ब्याज दर को 7.5 प्रतिशत तक लाएं।
देश की सभी वॉटर बॉडीज को रीस्टोर किया जाए, ताकि खेती के लिए पर्याप्त पानी मिल सके।
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