मुंबई: प्रत्यर्पित माफिया अबू सलेम को 1995 में मुंबई के एक बिल्डर प्रदीप जैन की हत्या मामले में विशेष टाडा अदालत ने बुधवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। गौर हो कि कोर्ट ने बीते दिनों 1995 के इस हत्याकांड में अदालत ने सलेम को दोषी ठहराया। इस हत्या मामले में अभियोजन पक्ष ने बीते दिनों अपने रुख में में बदलाव किया और गैंगस्टर अबू सलेम के लिए मृत्यदंड की बजाय उम्रकैद की मांग की।

इससे पहले, विशेष टाडा अदालत के न्यायाधीश जीए सनाप ने सलेम, उसके ड्राइवर मेहंदी हसन और एक अन्य बिल्डर विरेन्द्र झाम्ब को पिछले सप्ताह दोषी ठहराया था। अदालत में मामले पर अंतिम जिरह के दौरान सलेम के वकील सुदीप पासबोला ने कहा कि उनके मुवक्किल को प्रत्यर्पण संधि में उल्लिखित सजा से अलग कोई सजा नहीं दी जानी चाहिए।

पासबोला ने कहा था कि अदालत को स्वायत्त गारंटी को पूरा करना होगा। भारत सरकार ने पुर्तगाल को हलफनामा दिया था कि सलेम को मौत की सजा या 25 साल से अधिक की सजा नहीं दी जाएगी। बचाव पक्ष के वकील ने यह भी कहा कि अदालत को सलेम के मामले को उस समय से लेना चाहिए जिस तारीख में भारत ने उसके प्रत्यर्पण के लिए पुर्तगाल से संपर्क किया था। प्रत्यर्पण प्रक्रिया 2002 में शुरू हुई थी और सलेम को तीन साल बाद प्रत्यर्पित किया गया। ।

गौर तलब  है  कि प्रदीप जैन को मार्च 1995 में उनके जुहू स्थित बंगले के बाहर हमलावरों ने गोली मार दी थी। पुलिस के अनुसार, उसने एक विशाल प्रापर्टी को सलेम के लिए छोड़ने से इंकार कर दिया था।