लखनऊ । कौमी कल्याण मंच उ0प्र0 के अध्यक्ष सुरेन्द्र नाथ त्रिवेदी ने सपा सरकार के  जम्बो बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि प्रदेश की राजधानी का सुन्दरीकरण और ग्रामीण विकास के प्रति बजट की लोकलुभावन योजनाओं की प्रंशसा तो की जा सकती है परन्तु यह भी सोचना चाहिए कि प्रदेश मे अल्पसंख्यकों का सामाजिक आधार बढ़ाने की भी आवश्यकता है। विगत तीन वर्षों से प्रदेश के अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम की समस्त योजनाएं ठप पड़ी है जिसके फलस्वरूप मेहनतकश बेरोजगार लोग दर-दर भटकने को मजबूर है और अपने परिवार की रोजी रोटी चलाने में भयंकर कठिनाई का सामना कर रहे है। सरकार की घोषणा के अनुरूप वर्ष 2013-14 की ‘‘हमारी बेटी उसका कल’’ योजना की हजारों छात्राओं की धनराशि अब तक नही दी गई है।

श्री त्रिवेदी ने स्पष्ट किया कि अल्पसंख्यक समाज की अधिक आबादी मेहनतकश एवं गरीब परिवारों की है जिनके उत्थान के साथ-साथ उनको रोजगार उपलब्ध कराना एवं रोजगार चलाने के लिए वित्तीय सहायता का प्राविधान कराना भी सरकार का दायित्व है परन्तु समाजवादी सरकार के गठन के बाद से अल्पसंख्यक वर्ग में गरीब एवं मेहनतकश दुकानदार निराश है। जौहर विश्वविद्यालय में दस करोड़ से अस्पताल बन जाने मात्र से अल्पसंख्यकों की रोजी रोटी नही चल पायेगी। समाज के सभी वर्गों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए प्रत्येक समाज के कमजोर पक्ष का कल्याण एवं उत्थान सरकार की प्राथमिकता होना चाहिए जिसमें सरकार खरी नही उतरी है और उसके समाजवादी होने पर प्रश्न चिन्ह है।

मंच के अध्यक्ष ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शीघ्र ही अल्पसख्ंयकों के प्रति ध्यान देकर अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम की योजनाओं को पुनः संचालित नहीं किया जाता तो कौमी कल्याण मंच उ0प्र0 के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता धरना प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होगें।