लखनऊ: न्यायालय में पेशी पर लाये जाने वाले अभियुक्तों के साथ घटनाओं की रोकथाम के संबंध में पुलिस महानिदेशक अरविन्द कुमार जैन ने निर्देश जारी किये हैं । 

पुलिस महानिदेशक ने समस्त वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भेजे गये निर्देश में विक्की त्यागी एवं योगेन्द्र उर्फ भूरा की न्यायालय परिसर में की गयी  हत्या पर घोर आपत्ति एवं चिन्ता व्यक्त करते हुए इस प्रकार की घटनाओं की रोकथाम हेतु अत्यन्त कड़े उपाय करने के निर्देश दिये हैं ।

पुलिस महानिदेशक ने कहा है कि पुलिस द्वारा सिर्फ न्यायालयों में चेकिंग के नाम पर खाना पूर्ति न की जाये। अपराधिक तत्वों द्वारा शस्त्र लेकर न्यायालय परिसर में किसी भी दशा में प्रवेश न करने दिया जाये। एस्कोर्ट करने वाले पुलिस बल व न्यायालय में लगने वाले पुलिस बल को सुरक्षा हेतु ब्रीफ करने के निर्देश देने के साथ उनके उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जाये। बार एशोसिएशन से वार्ता कर तय कर लें कि किस किस की फ्रिस्किंग होनी है, वकीलों का प्रवेश किस गेट से होगा, बाकी व्यक्तियों का प्रवेश किस गेट से होगा तथा उस गेट से निकलने वाला कोई भी बिना चेकिंग अन्दर न जाने पाये। यह भी सुनिश्चित किया जाये कि कौन-कौन से ऐसे अपराधी हैं जिनकी न्यायालय में कड़ी सुरक्षा के उपाय होने हैं, उनकी सुरक्षा पर विशेष सतर्कता बरती जाये । 

उन्होंने यह भी कहा है कि किसी अपर पुलिस अधीक्षक अथवा क्षेत्राधिकारी को न्यायालय की सुरक्षा व्यवस्था का प्रभारी बनाया जाये । न्यायालय में ऐसे पुलिस कर्मी भी सादे कपड़ों में तैनात किये जायें जो अपराधियों व उनके पैराकारों को जानते हों। इस संबंध में सूचना तंत्र को मजबूत कर जानकारी एकत्र कर कार्यवाही की जाये। जनपद भ्रमण के दौरान जोनल पुलिस महानिरीक्षक/ परिक्षेत्रीय पुलिस उपमहानिरीक्षक स्वयं भी न्यायालय परिसरों का आकस्मिक निरीक्षण कर आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करायें ।