पेट्रोलियम दस्तावेज लीक मामले में अब तक 12 लोग गिरफ्तार 

नई दिल्ली: शनिवार को दिल्ली पुलिस ने एनर्जी सेक्टर से जुड़ी कंपनियों आरआइएल के मैनेजर कॉर्पोरेट अफ़ेयर्स शैलेश सक्सेना, जुबलियेंट एनर्जी के सीनियर एग्ज़िक्युटिव सुभाष चंद्रा, रिलायंस एडीएजी के डीजीएम ऋषि आनंद, एस्सार के डीजीएम विनय और केयर्न्स इंडिया के जीएम केके नायक को कोर्ट में पेश किया।

पुलिस ने कोर्ट में दलील दी कि गिरफ्तार सभी आरोपियों के पास बेहद संवेदनशील दस्तावेज मिले हैं। इनके सीनियर अफसरों को भी दस्तावेजों की जानकारी थी। इन दस्तावेजों से कंपनियों को सरकार के नीतिगत फैसलों की जानकारी पहले ही मिल गई, इससे कंपनियों को बड़ा फायदा हुआ। आरोपियों के पास राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए हैं, ऐसे में ऑफीशियल सीक्रेट एक्ट के तहत मामला बनता है।

वहीं आरोपी पत्रकार शांतनु ने आरोप लगाया कि वह पेट्रोलियम मंत्रालय में 10 हजार करोड़ के घोटाले का खुलासा कर रहे थे इसीलिए उन पर यह कार्रवाई हुई। पुलिस का कहना है पेट्रोलियम मंत्रालय का कर्मचारी आसाराम अपने बेटों लालता प्रसाद और राकेश के साथ कई बरसों से कागज़ों की चोरी कर रहा था। मंत्रालय के अफसरों के एक साल के कॉल रिकॉर्डस की जांच होगी।

पुलिस के मुताबिक आरोपियों के पास वित्त मंत्री के बजट भाषण के कुछ हिस्से, राष्ट्रीय गैस ग्रिड से जुड़ी जानकारी, कोयला ,ऊर्जा और रक्षा मंत्रालय से जुड़े दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। पुलिस का दावा है कि अभी इस मामले में कई गिरफ्तारियां और होंगी। पटियाला हाउस कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद पांचों अफसरों को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया।

इन पांच आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ ही इस मामले में अब तक 12 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। सात अन्य आरोपियों को शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया था। इनमें से चार को 23 फरवरी तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था, जबकि तीन को दो हफ्ते के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।