लखनऊ: कानून व्यवस्था के मोर्चे पर राज्य सरकार को अकसर निशाने पर लेने वाले उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने अब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को मानद डॉक्टरेट की उपाधि देने की एक विश्वविद्यालय की योजना पर पानी फेर दिया है।

कानपुर का चंद्रशेखर आजाद कषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अगले सप्ताह अपने दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री सहित सात लोगों को मानद उपाधियां देने की तैयारी कर रहा था लेकिन राज्यपाल ने यह कहकर उसकी योजनाओं पर ब्रेक लगा दिया कि वह मानद उपाधियां रेवड़ी की तरह बांटने के पक्षधर नहीं हैं। नाईक ने कहा, सात लोगों को मानद उपाधि देने का प्रस्ताव करने वाले विश्वविद्यालय को मैंने सुझाव दिया है कि वह डॉक्टरेट देने के लिए किसी एक व्यक्ति का चयन करे।

विश्वविद्यालय को दी गयी सलाह को सही ठहराते हुए नाईक ने कहा, ऐसे सम्मानों की मर्यादा बनाये रखने की जिम्मेदारी मेरी है और मैं मानद उपाधियां रेवड़ी की तरह बांटने का पक्षधर नहीं हूं। नाईक ने कहा कि मुख्यमंत्री खुद भी इस तरह की मानद उपाधियां लेने के इच्छुक नहीं दिखते क्योंकि हाल ही में उत्तर प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय की ऐसी मानद उपाधि लेने से मुख्यमंत्री ने इंकार कर दिया था।