नई दिल्‍ली । अन्ना हजारे ने शुक्रवार से भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ आंदोलन की शुरूआत कर दी। अन्ना ने हरियाणा के पलवल में “किसान अधिकार चेतावनी सत्याग्रह” पदयात्रा को हरी झंडी दिखाई। इसके लिए पलवल में बड़ी संख्या में किसान व अन्य लोगों की भीड़ इकट्ठी हुई। 

अन्‍ना के निशाने पर मोदी सरकार का भूमि अधिग्रहण बिल है। अन्ना किसानों को साथ लेकरपलवल से दिल्ली के लिए कूच करेंगे और 23 फरवरी को दिल्ली पहुंचने के बाद अन्ना जंतर-मंतर पर अनशन करेंगे। एकता परिषद की ओर से आयोजित इस यात्रा का मकसद भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को रदद् कराना है। 

सामाजिक कार्यकर्ता और एकता परिषद के संस्थापक पीवी राजगोपाल ने कहा कि अगर ऎसा नहीं किया गया तो अन्ना हजारे के नेतृत्व में इस विषय पर राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जाएगा। राजगोपाल ने हम चाहते हैं कि सरकार इस किसान विरोधी अध्यादेश को वापस ले। अन्ना जी और हम लोग देश भर में घूमकर इस मुद्दे पर किसानों को एकजुट करने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि वे लोग इस मामले पर सरकार के साथ बातचीत करने को तैयार हैं। अगर सरकार हमें बातचीत के लिए बुलाती है तो हम लोग जरूर जाएंगे।

केन्द्र सरकार के इस भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ आंदोलन में कई किसान संगठनों के अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व विचारक केएन गोविंदाचार्य, सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटेकर, अरूणा रॉय, बाल विजय, स्वामी अग्निवेश, पूर्व केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान, उदय कुमार, राजेन्द्र सिंह और कई दूसरे लोग समर्थन कर रहे हैं।