लखनऊ:उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग के राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने बताया कि सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 में समस्त नागरिकों को जानकारी एवं सूचना प्राप्त करने का अधिकार प्रदान किया गया है और एक्ट में अपार शक्तियां निहित है। आमजन एवं नागरिकों को अधिनियम के प्रति जागरूक किया जा रहा है। सूचना न देने वाले अधिकारियों को दण्डित करने की शक्तियां अधिनियम में निहित है। 

राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने वादी  शाहिद मुुनीर सिद्दीकी के मामले की सुनवाई के बाद प्रतिवादी जिला विद्यालय निरीक्षक अम्बेडकर नगर आर0पी0 वर्मा तथा एस0एन0 इण्टर कालेज इन्दईपुर अम्बेडकर नगर के प्रधानाचार्य  मेवालाल को 30 दिन के भीतर सूचना वादी को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

श्री उस्मान ने वादी के शिकायती पत्र/आवेदन पत्र में उठाये गये बिन्दुओं की जांच के आदेश अपर पुलिस महानिदेशक भ्रष्टाचार निवारण को दिए है और जांच रिपोर्ट भी 30 दिन के भीतर आयोग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है।

सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने संभल जनपद के वादी शाद उस्मानी के प्रकरण की सुनवाई के उपरान्त प्रतिवादी जन सूचना अधिकारी संभल सदर के तहसीलदार डी0एस0 गुप्ता को वादी को 30 दिन में अपेक्षित सूचनाएं उपलब्ध कराने के आदेश दिए है।

श्री उस्मान ने वादी को फर्जी आय प्रमाण पत्र निर्गत किये जाने की शिकायत को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए पूर्व कानूनगों सिटी तथा पूर्व लेखपाल को भी आयोग में तलब किया। उक्त कर्मियों ने आयोग को बताया कि उक्त जारी किये गये आय प्रमाण पत्र पर उनके हस्ताक्षर फर्जी है। आयोग ने इस मामले की जांच के आदेश जिलाधिकारी संभल को दिए है। सेवानिवृत्त मुफीद अली कानूनगों सिटी एवं लेखपाल मदनलाल के बयान  भी कलमबंद करने के आदेश दिए हैं। फर्जी हस्ताक्षर करने वाले राजस्व कर्मियों का पता लगाने और उनके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई के आदेश तहसीलदार को दिए है।