वाशिंगटन: राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि अमेरिका और उसके सहयोगियों की लड़ाई इस्लाम के खिलाफ नहीं बल्कि उन लोगों के खिलाफ है जिन्होंने धर्म की गलत व्याख्या की है। ओबामा ने कहा कि आईएसआईएल और अल कायदा जैसे समूह स्वयं को धर्म की रक्षा करने वाले पवित्र योद्धा बताते हैं क्योंकि वे खुद को सही साबित करने के लिए बेचैन हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने ‘हिंसक चरमपंथ से मुकाबला’ विषय पर व्हाइट हाउस में बुधवार को आयोजित एक शिखर सम्मेलन में कहा, ‘हमारी लड़ाई इस्लाम से नहीं है। हमारी लड़ाई उन लोगों से है जिन्होंने इस्लाम की गलत व्याख्या की है।’ उन्होंने कहा, ‘आईएसआईएल और अल-कायदा जैसे समूह खुद को सही बताने के लिए बेचैन हैं। वे स्वयं को धार्मिक नेताओं और इस्लाम की रक्षा करने वाले पवित्र योद्धाओं के रूप में दिखाने की कोशिश करते हैं।’

ओबामा ने कहा, ‘इसीलिए आईएसआईएल स्वयं को इस्लामिक स्टेट कहता है और दुष्प्रचार करता है कि अमेरिका और पश्चिमी देशों की लड़ाई इस्लाम से है। इसी तरह वे लोगों को अपने संगठन में शामिल करते हैं। इसी तरह वे युवाओं को कट्टर बनाने की कोशिश करते हैं।’ उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदायों के बाहर के लोगों को आतंकवादियों की इस बात को खारिज करने की आवश्यकता है कि पश्चिम एवं इस्लाम या आधुनिक जीवन एवं इस्लाम परस्पर विरोधी हैं।