लखनऊ:प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित वर्ष 2015 की हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट की परीक्षा 19 फरवरी से प्रारम्भ होकर क्रमश 11 मार्चव 23 मार्च को समाप्त होगी।

इस वर्ष बोर्ड की परीक्षा में हाईस्कूल में कुल 3498430 तथा इण्टरमीडिएट परीक्षा में 2924768 कुल 6423198 परीक्षार्थी परीक्षा में बैठ रहे हैं। साथ ही प्रदेश की 8 जेलों (जिला कारागार- फिरोजाबाद, गाजियाबाद, बरेली, बाँदा, गोरखपुर केंद्रीय कारागार-फतेहगढ़ व वाराणसी और आदर्श कारागार लखनऊ) में निरुद्ध कुल हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट के (131 व 169) कैदी भी परीक्षा देंगे।

प्रदेश के समस्त परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा प्रश्न पत्रों व उत्तर पुस्तिकाओं की आपूर्ति की जा चुकी है। उत्तर पुस्तिकाओं को संकलित करने हेतु जनपद स्तर पर कुल 75 मुख्य संकलन केंद्र बनाये गये हैं तथा जिला विद्यालय निरीक्षकों द्वारा आवश्यकतानुसार तहसील मुख्यालयों पर उप संकलन केंद्र बनाये गये है।

परीक्षा को नकल विहीन व शांतिपूर्वक सम्पन्न कराने हेतु जिला विद्यालय निरीक्षकों द्वारा अपने-अपने जनपद के सभी केंद्रों पर कक्ष निरीक्षकों की नियुक्ति की जा चुकी है। प्रदेश में लगभग 3,00,000 अध्यापक कक्ष निरीक्षक के रूप में लगाये गये है।

नकल विहीन व शांतिपूर्वक परीक्षा सम्पन्न कराने हेतु प्रदेश स्तर पर शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को मण्डलस्तर पर नामित किया गया है इसके अतिरिक्त जिला प्रशासन की तरफ से 10-12 परीक्षा केंद्रों की संख्या पर एक-सेक्टर मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गयी है। अति संवेनशील केंद्रों पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गयी है। परीक्षा केंद्रों के आस-पास 100 मी0 की दूरी पर परीक्षार्थी व कक्ष निरीक्षक के अलावा प्रवेश वर्जित रहेगा। परीक्षा अवधि में केंद्रों के आस-पास की फोटो मशीन व फैक्स की दुकाने बंद रहेंगी। मण्डल स्तर पर संयुक्त शिक्षा निदेशकों द्वारा सचल दल बनाये गये है तथा जनपद स्तर पर जिला विद्यालय निरीक्षकों द्वारा कम से कम 05 सचल दल बनाये गये है। सभी जनपदों में परीक्षा के दौरान सम्बन्धित क्षेत्र के परगनाधिकारी परीक्षा केंद्रों का सघन निरीक्षण करेंगे। 

परीक्षा में सम्मिलित होने वाले समस्त छात्र/छात्राओं से अपेक्षा है कि वह परीक्षा 2015 में पूरे उत्साह एवं मनोयोग से समिमलित हो तथा नकल न करने का संकल्प लेते हुए परीक्षा दें और अभिभावकों से निवेदन है कि वे अपने पाल्यों को स्वावलम्बी बनाने के लिये नकल जैसी कुप्रवृत्ति से दूर रहने के लिये प्रेरित करें। मेरा यह मानना है कि नकल करने से छात्र/छात्राओं को कोई भला नहीं होने वाला है। पठन-पाठन कर परीक्षण में उत्तीर्ण होने से ही उनका भविष्य उज्ज्वल होगा।

परीक्षा कार्य से जुड़े हुए समस्त अधिकारियों, केंद्र व्यवस्थापकों, कक्ष निरीक्षकों, कर्मचारियों एवं जिला प्रशासन से अपेक्षा है कि वह परीक्षा वर्ष 2015 को सुचितापूर्ण, नकलविहीन एवं शांतिपूर्ण सम्पन्न कराने में अपना बहुमूल्य सहयोग दें।