वाराणसी: साझा संस्कृति मंच के द्वारा सामाजिक कार्यकर्ती तीस्ता सीतलवाड़, जावेद आनंद एवं उनके साथी के समर्थन में प्रेस वार्ता की गयी| 2002 के गुजरात दंगो की लगातार पैरवी कर रही सामाजिक कार्यकर्ती तीस्ता सीतलवाड़, जावेद आनंद एवं उनके साथी पर एक केस में गुजरात के उच्च न्यायालय द्वारा अग्रिम जमानत को ख़ारिज कर दिया | उन पर साजिश के तहत अहमदाबाद की क्राईम ब्रांच ने कुछ लोगो के द्वारा लगाये गये फर्जी आरोपो के आधार पर FIR दर्ज कर लिया है | चूँकि तीस्ता सीतलवाड़ के द्वारा गुजरात दंगे में पैरवी करने के कारण ही 107 दोषियों को अदालत द्वारा आजीवन कारावास की सजा हुई है | जिसमे बड़े राजनैतिक नेता, आई पी एस अधिकारी समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी है, अभी भी कुछ लोगो के खिलाफ अदालत में मामला लंबित है | जिसकी पैरवी तीस्ता द्वारा किया जा रहा है | जिसके कारण पूर्व में भी तीस्ता को सांप्रदायिक ताकतो द्वारा धमकिया मिल रही थी कि इस केस में वे पैरबी बंद कर दें | जिसके बाद भी तीस्ता द्वारा लगातार पैरवी जारी रखी गयी | इसी कारण उनको साजिशन प्रशासन और राजनैतिक लोगो द्वारा कुछ पीडितो को बहला फुसलाकर पीडितो के ही माध्यम से झूठे केस में फसाया जा रहा है | इसके पूर्व में भी कई सामाजिक कार्यकर्ताओ को प्रशासन व राजनैतिक लोगो द्वारा झूठे केस में फसाया गया है और फ़साने की कोशिश की जाती रही है | कई सामाजिक कार्यकर्ता कई वर्ष झूठे केस के आरोप में जेल में बंद रहे है और बाद में अदालत ने उन्हें बाईज्जत बरी भी कर दिया |

हम सभी सामाजिक संगठन के लोग प्रशासन द्वारा साजिशन सांप्रदायिक ताकतों के इशारे पर गुजरात दंगे में क़त्ल कर दिए और उजाड़ दिए गए पीडितो के न्याय के लिए लड़ रही सामाजिक कार्यकत्री तीस्ता सीतलवाड़ को साजिशन फ़साने के इस कृत्य की कड़े शब्दों में निन्दा करते है और यह भी कहते है कि इस लोकतांत्रिक देश में अराजकता का हर स्तर पर विरोध करेंगे और एकजुट होकर इस तरह की साजिश को नाकाम करने का पुरजोर प्रयास करेंगे | तीस्ता सीतलवाड़ के समर्थन में मानव अधिकार कार्यकर्ताओ के अधिकारों और सुरक्षा के मुद्दों पर कार्यरत आयरलैंड की संस्था FRONTLINE DEFENDERS (THE INTERNATIONAL FOUNDATION FOR THE PROTECTION OF HUMAN RIGHTS DEFENDERS) द्वारा 16 फरवरी, 2015 को अर्जेंट अपील जरी किया गया है, एवं मानवाधिकार जननिगरानी समिति द्वारा महामहिम राष्ट्रपति महोदय एवं राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को पत्र लिखकर निष्पक्ष जाँच के लिये हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया गया है |

ज्ञात हो की सर्वोच्च न्यायालय ने गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए सुनवाई की अगली तारीख 19 फरवरी, 2015 रखी है|

वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता पर लगाये गए आरोप बेबुनियाद है| माननीय गुजरात उच्च न्यायालय को 1500 पृष्ठों का प्रतिवाद (दस्तावेजो के साथ) दिया गया है | जिसे बिना देखे व जाँच किये आंतरिक जमानत की याचिका को ख़ारिज कर देना न्याय संगत नहीं मालूम पड़ता है| लगाये गए सभी एक-एक आरोपो का जवाब तीस्ता सीतलवाड़ व जावेद आनंद द्वारा माननीय अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया है | विदित हो कि उन पर संग्राहालय बनाने के नाम पर लिए गये घन के दुरुपयोग का आरोप है जब कि संग्राहालय बनाने के नाम पर प्राप्त घन 4.6 लाख रुपये सबरंग ट्रस्ट में सुरक्षित जमा है, चूँकि संग्राहालय बनाने के लिए और घनराशि की आवश्यकता थी जिसके लिए अपील की गयी थी यह राशि अभी तक सबरंग ट्रस्ट में इकठ्ठा नही की जा सकी है | 

हमें ज्ञात है कि गुजरात की सरकार तीस्ता सीतलवाड़ के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रसित है और न्याय मिलने की उम्मीद कम लगती है, इस लिए हमारी मांग है कि 

1. इस मामले में गुजरात सरकार के अलावा कहीं भी किसी भी ऐजंसी से जाँच करवाया जाय|

2. तीस्ता सीतलवाड़ जावेद आनंद व अन्य का जाँच में कही से बाधा नही डाल रहे हैं| इसलिए गिरफ्तारी पर रोक लगे| जिससे उनके अन्य सामाजिक कार्यो पर प्रभाव न पड़ सके| 

3. हम मिडिया के लोगों से भी मांग करते है कि वो तीस्ता सीतलवाड़ के केश में एक पक्षीय न होकर दोनों का पक्ष को प्रस्तुत करे जिससे सामाजिक न्याय हो |

प्रेसवार्ता को डॉ0 संदीप पाण्डेय, फादर आनंद, डॉ0 लेनिन रघुवंशी, डॉ0 मुनीजा खान, सुश्री श्रुति नागवंशी, डॉ0 मोहम्मद आरिफ, आनंद तिवारी ने सम्बोधित किया ।