लखनऊ:उत्तर प्रदेश में स्वाइन फ्लू एक महामारी की तरह पूरे प्रदेश में फैलती चली जा रही है। यदि सरकारी आंकड़ों पर विश्वास करें तो अब तक इसकी चपेट में आये 11 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। परन्तु इस महामारी का प्रसार एवं भय इस बात से उजागर होता है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को स्वाइन फ्लू के चलते बंद कर दिया गया है। उ0प्र0 में स्वाइन फ्लू की चपेट में आये व्यक्तियों की संख्या सरकारी आंकड़े लगभग 88 बताते हैं परन्तु वास्तविकता तो यह है कि छोटे जिलों, तहसीलों एवं ग्रामीण इलाकों में स्वाइन फ्लू की चपेट में आये लोगों की संख्या इससे कहीं अधिक है। स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए उ0प्र0 सरकार का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह विफल है तथा कोई भी सार्थक प्रयास करता नजर नहीं आ रहा है। 

उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता डाॅ0 हिलाल अहमद ने आज जारी बयान में कहा कि प्रदेश सरकार स्वाइन फ्लू को रोकने के लिए तुरन्त टीकों की व्यवस्था सम्पूर्ण प्रदेश में कराये। प्रदेश में इतने टीके भी उपलब्ध नहीं हैं कि वह डाक्टरों एवं पैरा मेडिकल स्टाफ को टीकाकृत कर सके। यह मुख्य कारण है कि स्वाइन फ्लू के मरीजों को तुरन्त चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध नहीं हो रही है एवं सरकारी अस्पताल के कर्मचारी स्वयं चपेट में आने के डर से मरीजों को उचित एवं तुरन्त चिकित्सीय सहायता देने में विफल हैं। यह अत्यधिक शर्म की बात है कि स्वाइन फ्लू जो कि एक वार्षिक आपदा के रूप में सम्पूर्ण देश एवं उत्तर प्रदेश में पिछले तीन वर्षों से आ रही है परन्तु आज तक प्रदेश के बड़े अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड की सुविधा उपलब्ध नहीं हैं। 

डाॅ0 हिलाल अहमद ने कहा कि केन्द्र सरकार का सहयोग यदि प्रदेश सरकारों को मिला होता तथा समय से स्वाइन फ्लू के टीकों की व्यवस्था देश भर में कर ली गयी होती तो सम्पूर्ण देश इस महामारी की चपेट में न होता और सैंकड़ों लोगों को असमय मृत्यु से बचाया जा सकता था। यह देश एवं प्रदेश की सरकार की उदासीनता एवं उनकी संवेदनहीन कार्यशैली को प्रदर्शित करता है।  

प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश में स्वाइन फ्लू से प्रभावित मरीजों की संख्या बढ़ने का मुख्य कारण प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग का पूरी तरह तैयार न होना है। दुःख की बात यह है कि इस सच्चाई को प्रदेश सरकार मानने को भी तैयार नहीं है। कंाग्रेस पार्टी मांग करती है कि प्रदेश में तुरन्त स्वाइन फ्लू के टीकों की समुचित व्यवस्था की जाय। एन-90 मास्क की सुविधा समस्त प्रभावित मरीजों, उनके तीमारदारों तथा अस्पतालों में कार्य कर रहे चिकित्सकों एवं चिकित्सा कर्मियों को उपलब्ध करायें और जिन परिवारों के जीविका के एकमात्र सदस्य की मृत्यु स्वाइन फ्लू एवं सरकार की लापरवाही की वजह से हुई है उन्हें सरकार तुरन्त उचित मुआवजा उपलब्ध कराये।