नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दिल्ली में कुरियाकोस एलियास और मदर यूफ़्रेसिया के सेंटहुड समारोह में देश के ईसाइयों के आश्वस्त किया कि किसी भी धर्म पर हमले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

मोदी ने कहा कि अध्यात्म भारत की विरासत है. सभी धर्मों के लिए सम्मान और सहनशीलता भारत में हज़ारों साल से रही है. भारत का संविधान भी इसी परंपरा से निकला है.

भारत में हर धर्म के लोगों को अपने धर्म के मुताबिक़ जीने का अधिकार है और किसी भी स्थिति में उन्हें उनके अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता.

उन्होंने कहा, ‘’सभी धर्मों का बराबर सम्मान भारत के डीएनए में है और हम किसी भी धर्म के खिलाफ़ हिंसा बर्दाश्त नहीं करेंगे. मैं किसी भी तरह की हिंसा की कड़ी निंदा करता हूं.’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘’मेरा मंत्र विकास है- सबका साथ, सबका विकास. हर किसी को भोजन, हर बच्चे को शिक्षा, हर परिवार को घर और बिजली. मैं चाहता हूं कि सभी भारतीय मेरा इसमें सहयोग करें.’’

उनका कहना था कि भारत में शुरू से नए विचारों के लिए खुलापन रहा है और ऋग्वेद में इसका प्रमाण मिलता है. मोदी ने स्वामी विवेकानंद को याद किया और कहा कि सभी धर्मों में सत्य मौजूद है और धार्मिक सहनशीलता ही भारत में प्रशासन का आधार है. उन्होंने कहा कि इन संतों के संतत्व को अपनी ताक़त बनाएं.