बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने आज कहा कि उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने अपने कार्यो पर रोशनी डालने के लिए राजभवन में प्रेस कांफ्रेंस करने की नयी परंपरा शुरू की है। इससे राज्य की मौजूदा सपा सरकार की कमजोरी का पता चलता है।

मायावती ने कहा, 21 जनवरी 2015 को राजभवन में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर उन्होंने (नाईक ने) अपने छह महीने के कामकाज की रिपोर्ट जनता के सामने पेश करने की नयी परंपरा की शुरूआत की है। यह परंपरा कितनी उचित है या अनुचित है, इसका संज्ञान राष्ट्रपति या केन्द्र सरकार को लेना चाहिए। यह हालांकि उत्तर प्रदेश की सपा सरकार के कमजोर एवं लाचार होने का द्योतक है।

उन्होंने कहा, जब कोई सरकार कमजोर होती है तो दूसरी संस्थाएं उसे दबाने में आनंद का अनुभव करती हैं। मायावती उत्तराखंड, झारखंड, बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, केरल और पश्चिम बंगाल के पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित कर रही थीं। बैठक जमीनी स्तर पर पार्टी की तैयारियों, उसके कामकाज की समीक्षा तथा उत्तर प्रदेश के 2017 के विधानसभा चुनावों को लेकर पार्टी की रणनीति पर चर्चा के लिए बुलायी गयी थी।

उन्होंने आरोप लगाया कि देश की जनता ने कांग्रेस और भाजपा दोनों को ही देख लिया है और वह अब उनके कुशासन से उब गयी है। ऐसे में जनता को बसपा से काफी उम्मीदें हैं इसीलिए बसपा आंदोलन को मजबूत करना समय की जरूरत है।