एडिलेड : भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने आज क्रिकेट विश्व कप में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 76 रन से हराकर विश्व कप में शानदार आगाज करने के बाद कहा कि गत चैम्पियन टीम के कंधे से कुछ दबाव कम हो गया है।

धोनी ने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा, कुछ दबाव कम हो गया है क्योंकि इस मैच को लेकर काफी हाईप और आकर्षण था। आस्ट्रेलिया दौरे पर पिछले ढाई महीने के दौरान पहली अंतरराष्ट्रीय जीत दर्ज करने के बाद धोनी ने लोगों ने अपील की कि घरेलू और विदेशी सरजमीं पर मिली जीत में अंतर नहीं निकालें।

धोनी ने टीम की जीत के बाद कहा, कभी कभी हम भारत के बाहर खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज या त्रिकोणीय सीरीज या देश के बाहर खेली जाने वाली द्विपक्षीय सीरीज को काफी तवज्जो देते हैं। मुझे लगता है कि ये सभी एक जैसी हैं। हमें घरेलू सरजमीं पर मिली जीत पर गर्व होना चाहिए और विदेशों में भी जीत की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ऐसी कोई तुलना नहीं होनी चाहिए कि उसने शतक बनाया है लेकिन उसे विदेशों में भी रन बनाने होंगे। इसलिए ऐसा कुछ करने की जरूरत नहीं है जिससे युवाओं पर दबाव बने।

पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप में भारत के जीत के 6-0 के रिकॉर्ड के बारे में पूछने पर धोनी ने कहा, रिकॉर्ड अच्छा है लेकिन इसके बारे में मैं अधिक बात नहीं करना चाहता क्योंकि कभी ना कभी ऐसा समय आएगा जब हम हारेंगे। फिर भले ही यह इस विश्व कप में हो, अगले विश्व कप में या चार विश्व कप बाद। कप्तान ने कहा, ऐसा नहीं है कि दुनिया के चलने तक यह कायम रहेगा। इसके बारे में सोचने का कोई मतलब नहीं है। जहां तक विश्व कप का सवाल है तो हमें निश्चित तौर पर इस पर गर्व है लेकिन कभी ना कभी यह रिकॉर्ड टूट जाएगा। धोनी ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ भारत का ओवराल रिकॉर्ड (51 जीत और 72 हार) अब भी काफी अच्छा नहीं है।

उन्होंने कहा, हां, हमें इस बात पर गर्व है कि हमने एक बार फिर कर दिखाया लेकिन आप भारत-पाक मुकाबलों के आंकड़े देखो तो आपको पता चलेगा कि हम काफी पीछे हैं। उन्होंने हम पर दबदबा बनाया है। मुझे लगता है कि निश्चित तौर पर विश्व कप में हम गर्व कर सकते हैं लेकिन आप देखेंगे कि ओवराल उनकी टीम शानदार है।

यह पूछने पर कि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर लगातार हार के बावजूद वह टीम का मनोबल कैसे उंचा रख पाए। धोनी ने कहा, यह कप्तान का काम है। टीम प्रबंधन के नजरिये से हम चाहते थे कि टीम का मनोबल उंचा रहे। यह काफी अहम है क्योंकि अगर मनोबल गिरता है तो वापसी करना अधिक मुश्किल हो जाता है। भारतीय कप्तान का मानना है कि आत्मविश्वास काफी अहम है।

धोनी ने कहा, मुझे लगता है कि यह हमारा एक दूसरे पर विश्वास और भरोसा है। हमें नहीं भूलना चाहिए कि यह प्रतिस्पर्धी खेल है। हम अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं। कभी कभी हालात हमारे से अधिक विरोधी टीम के अनुकूल होते हैं। आपको ये सब कुछ स्वीकार करना होता है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हम आत्मविश्वास रखें और इसके लिए सहायक स्टाफ और 15 खिलाड़ियों की सोच अहम है फिर बाकी लोग चाहे कुछ भी सोचें। उन्होंने कहा, अगर हम एक ही दिशा में आगे जा रहे हैं और हम एकजुट हैं तो हमारी मजबूत वापसी करने संभावना अधिक है।