लखनऊ: मजलिसे ओलमाये हिन्ंद के जेर-ए-एहतिमाम  हो रहे सप्ताहिक दीनी क्लासेस में मौलाना साबिर अली इमरानी ने नये जमाने के मसाएल को अपने दर्स का टापिक बनाया । और बीमा व  बैंकिंग के अहकामात पर नौजवानों को खिताब किया ।मौलाना ने कहा कि बीमा की करारदाद में तेय हुइ मुद्दत मेयार नही होती है चाहे एक साल का बीमा हो या दो साल का या जियादा मुद्दत का बल्कि जो मुआहिदा उनके दरमयान आपसी रजामंदी से हुआ है मुद्दत इसी के लेहाज से एहमियत रखती है ।मौलाना ने आगे कहा कि बीमा में चूँकि हर मुआमला साफ होता है और दोनों तरफ के लोगों की मरजी से मुआहिदा तै पाता है लिहाजा इस्लामी नुक्ता-ए-नजर से बीमा पर सवाल नहीं लाया जा सकता ।दूसरा दरस मौलाना इस्तिफ रजा ने दिया जिस र्कुआन के हवाले से बातें हुइ। दर्स मैं नौजवानों ने खुसूसी तौर पर अपनी रोजमर्रा की जिन्ंदगी के सवालात भी दरयाफत किए ।