लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने प्रदेश के अन्य पिछड़े वर्गों को सरकारी विभागों के ठेकों में आरक्षण दिए जाने हेतु आयोग के अध्यक्ष श्री राम आसरे विश्वकर्मा की अध्यक्षता के चर्चा की। इस संबंध में विस्तृत चर्चा व निर्णय के लिए संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव को 13 मार्च, 2015 को आयोग ने उपस्थित होने के  निर्देश दिए।

आयोग ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड द्वारा चयनित तथा प्रबंधकीय विद्यालयों/कालेजों द्वारा कार्यभार ग्रहण न कराये जाने के मामलो में पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों की शिकायत पर निदेशक, माध्यमिक शिक्षा को तलब कर पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिलाने के निर्देश दिए तथा आयोग ने चयन बोर्ड को नियुक्ति से वंचित रह गये अभ्यर्थियों की पिछले 05 वर्ष की सूची आयोग को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

पिछड़ा वर्ग आयोग ने प्रदेश की पिछड़े वर्ग की सूची में लगातार जातियों की संख्या बढ़ने के कारण तथा सरकारी नौकरियों में इनका आरक्षण प्रतिशत कम होने के कारण बहुत बड़ी संख्या में पिछड़े वर्ग के लोग सरकारी नौकरियों से वंचित रह जाते हैं। जिससे आयोग के समक्ष पिछड़े वर्ग का आरक्षण 27 प्रतिशत से बढ़ाकर 54 प्रतिशत किए जाने के प्रस्तुत प्रतिवेदन पर आयोग ने विस्तार से चर्चा की तथा प्रमुख सचिव, नियुक्ति एवं कार्मिक को इस संबंध में अपना मन्तब्य देने के लिए  13 मार्च, 2015 केा आयोग में उपस्थित होने के निर्देश दिये।

बैठक में आयोग के उपाध्यक्ष डा0 दीप सिंह पाल, राम आधार सिंह लोधी, सदस्य बृजराज सैनी, रामप्रसाद सविता, प्रसिद्धि नारायण सिंह चौहान, जवाहर लाल साहू, डा0 मुन्ना अलवी, रिछपाल सिंह, कमलेश कुमार यादव, मंजूरानी मौर्य, सुनीता सिंह, कंचन कन्नौजिया, विद्या यादव, राजवीर विश्वकर्मा, मालती वर्मा,  प्रभा यादव के साथ आयोग के सचिव अनिल कुमार व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।