कर्मसूत्र एक ऐसी किताब जिससे ज़िन्दगी की विचारधारा बदल सकती है, इस पुस्तक में आध्यात्मिक विकास का सिद्धांत दिया गया है। इसमें कर्म का 12000 साल पुराना सिद्धांत पेश किया गया है। यह कर्म के लेखे जोखे का निर्माण करने की प्रक्रिया स्पष्ट करती है, जो व्यक्ति की मौत के बाद भी जारी रहता है।  कर्म के प्रति अध्यात्मविदों, धर्मविदों और नास्तिकों के विचारों का संयोग करती है। इस किताब को पढ़ने से व्यक्ति को अपराधबोध, भार और कर्म की चिंता से मुक्ति मिल सकती है। यह कर्म जैसे गूढ़ विशय पर उपलब्ध एक सरलतम किताब है।

आध्यात्मिक विकास का सिद्धांत पेश करने वाली इस किताब में कर्म का 12000 साल पुराना सिद्धांत दिया गया है। यह कर्म के लेखे जोखे का निर्माण करने की प्रक्रिया के बारे में बताती है, जो व्यक्ति की मौत के बाद भी जारी रहता है। यह कर्म जैसे गूढ़ विशय पर उपलब्ध एक सरलतम किताब है। इस किताब में पेश की गई विशयवस्तु और विधि कर्म के प्रति नास्तिकों, धर्मविदों और अध्यात्मविदों के विचारों का निचोड़ है। आधुनिक मनुश्यों को प्राचीन शिक्षाएं प्रदान करने के लिए हिंगोरी सीरीज़ आॅफ पब्लिकेशन ने अपनी पहली किताब ‘‘कर्मसूत्र- क्रैकिंग द कर्मिक कोड’’ पेश की है। 

प्रिंट और आॅनलाईन माध्यमों में निशुल्क वितरण के लिए उपलब्ध यह किताब इसकी वेबसाईट और फेसबुक पेज़ से इंगलिश और हिंदी में निशुल्क डाउनलोड की जा सकती है। और hingori54@gmail.com पर लिखकर अपनी निशुल्क प्रति मंगाई जा सकती है। 

लेखक हिंगोरी के विचारः

‘‘कर्म के विशय पर चर्चा बहुत हुई है, लेकिन इसे समझा कम गया है। इस किताब में मैंने युगों पुराने सिद्धांतों का सरलीकरण किया है और व्यवहारिक एवं सहज़ उदाहरण दिए हैं, जिन्हें दैनिक जीवन में आसानी से अपनाया जा सकता है। 35 सालों से अधिक समय तक मृत्यु और मृत्यु के बाद के जीवन के विशय को गहनता से पढ़कर मैंने इस किताब की रचना की है, जो मेरे विश्वास, अनुभवों और इस यात्रा में मेरे प्रयोगों को परिलक्षित करती है।’’

‘‘अधिकांश अध्यात्मिक शिक्षाएं सुनने और समझने में आसान होती हैं, लेकिन पालन करने में कठिन होती हैं। हालांकि जो कुछ भी इस किताब में लिखा गया है, गहन अभ्यास से उसमें सुधार लाया जा सकता है और ऐसे व्यक्ति का विकास किया जा सकता है, जो भार, अपराधबोध और कर्म की चिंता से मुक्त हो।’’

‘‘यदि आपको अच्छे कर्मों में अपने समय और सोच के निवेश की सार्थकता दिखाई देती है, तो विभिन्न जीवन रूपों को इसका लाभ मिलेगा। इसके द्वारा आपको अपने कर्म के संतुलन को देखने और अपने भविश्य एवं आने वाले जन्मों के लिए इसका लाभ अर्जन करने का अवसर मिलेगा। चूंकि आपमें से कई लोग इस किताब को काफी आशा के साथ पढ़ेंगे, अतः उन पर इस किताब का प्रभाव गुणोत्तर प्रगति का हो सकता है।’’