नयी दिल्ली : विश्व कप से पहले क्रिकेट प्रशंसकों के लिए एक अच्‍छी खबर है. अब दूरदर्शन में आप बिना कोई शुल्‍क के क्रिकेट विश्व कप का आनंद उठा सकते हैं. उच्चतम न्यायालय ने 2015 के क्रिकेट विश्वकप की लाइव फीड दूरदर्शन के माध्यम से केबल ऑपरेटरों के साथ साझा करने से प्रसार भारती पर पाबंदी लगाने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर आज रोक लगा दी. विश्व कप के प्रसारण के अधिकार सिर्फ ईएसपीएन और स्टार के पास हैं.

न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्रा घोस की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई 17 फरवरी के लिये निर्धारित करते हुये अपने अंतरिम आदेश में कहा, इस दौरान उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक रहेगी. न्यायालय ने निजी चैनल और बीसीसीआई से कहा है कि वह इस विवाद को सुलझाने के लिये अपने प्रस्ताव लेकर आयें.

शीर्ष अदालत ने बीसीसीआई और स्टार इंडिया लि को नोटिस जारी किये और कहा कि इस मामले पर विस्तार से सुनवाई की आवश्यकता है. लेकिन स्टार इंडिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम ने कहा कि इस मामले पर यथाशीघ्र सुनवाई की जरुरत है क्योंकि विश्वकप 14 फरवरी से शुरु हो रहा है और इसमें बहुत कुछ दांव पर लगा हुआ है.

उन्होंने कहा कि अंतरिम रोक की वजह से हम प्रति उपभोक्ता 18 रुपये अर्जित नहीं कर सकेंगे. बीसीसीआई और निजी चैनल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और सलमान खुर्शीद ने उनके कथन का समर्थन किया. न्यायालय ने शुरु में ही स्पष्ट किया कि हम तो सिर्फ उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने के साथ ही नोटिस जारी करना चाहते हैं और मामले की सुनवाई छह या सात सप्ताह बाद करेंगे.

न्यायाधीशों ने कहा, फिलहाल हम 2007 की स्थिति ही बनाये रखते हैं. हमने सोचा कि इसमें सुनवाई करनी होगी. दूरदर्शन के साथ नि:शुल्क फीड की व्यवस्था पिछले सात साल से है. इसे जारी रहने दीजिये. न्यायाधीशों की इन टिप्पणियों के बीच ही चिदंबरम ने कहा कि निजी चैनल के पक्ष वाले फैसले पर रोक लगाने से उसे आर्थिक हानि होगी क्योंकि विश्वकप 14 फरवरी से शुरु हो जायेगा.

इस पर न्यायाधीशों ने कहा, सात साल से यही व्यवस्था है और सात सप्ताह में कुछ नहीं होगा. विश्व कप तो आते जाते रहते हैं. यह अंतिम विश्व कप तो है नहीं. लेकिन इस शीर्ष अदालत का फैसला तो हमेशा के लिये है. जो भी धन की हानि होगी उसकी भरपाई हो सकती है. हम आपको सुनेंगे. यह संयोग ही है कि फैसला विश्वकप के समय आया है. अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी को अपनी दलीलें पेश करने की जरुरत नहीं पडी और उन्होंने न्यायाधीशों की टिप्पणियों से सहमति व्यक्त की.

न्यायाधीशों ने कहा कि हम अगले मंगलवार को 17 फरवरी को सुनेंगे. इससे पहले, प्रसार भारती ने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की थी. उच्च न्यायालय ने 2015 के क्रिकेट विश्वकप की लाइव फीड डीडी चैनलों के माध्यमों से केबल ऑपरेटरों के साथ साझा करने से उसे रोक दिया था.