नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों के प्रचार के दौरान भाजपा और नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया था लेकिन उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि कांग्रेस मुक्त भारत के चलते वे चक्करघिन्नी हो जाएंगे। दिल्ली की जनता ने विधानसभा चुनावों में ऎसा ही किया लेकिन इससे भाजपा भी धराशाही हो गई। आम आदमी पार्टी के तूफान में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया और भाजपा तीन सीटों पर सिमट गई।
हालांकि अभी अंतिम आंकड़ें नहीं आए हैं लेकिन मत प्रतिशत पर नजर डालें तो सामने आता है कि भाजपा को पिछले चुनाव की तुलना में केवल 1.5 प्रतिशत मतों का नुकसान हुआ लेकिन उसकी सीटों की संख्या 32 से घटकर तीन रह गई। पिछली बार भाजपा को लगभग 31 प्रतिशत मत मिले थे। लेकिन कांग्रेस के मत प्रतिशत जोरदार गिरावट आई और उसे इस बार केवल 9.8 फीसदी वोट ही मिले और उसे एक भी सीट पर जीत नहीं मिली। पिछली बार उसे लगभग 20 फीसदी मत मिले थे और आठ सीट मिली थी।
वहीं विजेता आप को इस बार लगभग 54.3 मत वोट मिले हैं जो कि एक रिकॉर्ड है। इस मत प्रतिशत के बूते उसकी सीटों की संख्या 28 से बढ़कर 67 हो गई। आप को पिछली बार 29 फीसद वोट मिले थे और इसके बूते उसे 28 सीटें मिली थी। इससे साफ पता चलता है कि आप ने कांग्रेस के वोटों अपने पाले में कर लिया और भाजपा का भी सफाया कर दिया।
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