आन्दोलन 25 से शुरू,19 अप्रैल को राजधानी में प्रदर्शन

लखनऊ । प्रदेश के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सरकार की उपेक्षा से नाराज है अपनी 32 सूत्रीय मांग पत्र पर सरकार की अनदेखी के चलते वे आन्दोलन की तैयार हो चुके है। उत्तर प्रदेशीय  चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ ने प्रान्तीय बैठक महासंघ के अध्यक्ष रामराज दुबे और महामंत्री जगदीश सिंह की उपस्थित में कई निर्णय लिये । इस बैठक में धटक  संगठनों के अध्यक्ष एवं महामंत्री शामिल रहे। बैठक में चतुर्थ श्रेणी संवर्ग की वर्षों से लम्बित 32 सूत्रीय मांग पत्र पर विस्तार से चर्चा के उपरान्त क्रमिक एवं वृहद आन्दोलन का निर्णय लिया गया। क्रमिक आन्दोलन के रूप में 25 फरवरी से पूरे प्रदेश में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने काला फीता बाॅधकर विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया। 9 मार्च से 20 मार्च तक सभी जिला एवं मण्डल मुख्यालयों पर गेट सभा तथा राजधानी स्तर पर समस्त विभागों के समक्ष आमसभा कर विरोध प्रदर्शन का निर्णय लिया गया। 23 मार्च को जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन तथा जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को 32 सूत्रीय ज्ञापन भेजने का निर्णय लेते हुए 27 मार्च को मण्डलायुक्त कार्यालय के समक्ष धरना एवं ज्ञापन का कार्यक्रम तय किया गया। इसके पश््चात भी समस्याओं का निदान न होने पर 19 अप्रैल को राजधानी में विशाल प्रदर्शन का निर्णय लिया गया। 

बैठक की जानकारी देते हुए कार्यवाहक अध्यक्ष महेन्द्र पाण्डेय ने बताया  कि प्रदेश  के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सबसे ज्वलंत समस्या यह है कि वर्षों से इस संवर्ग में भर्ती न करके करके सरकार संविदा प्रणाली को बढ़ावा देकर इस संवर्ग को समाप्त करने का कुचक्र रच रही है। चतुर्थ श्रेणी समूह घ के रिक्त पदों पर तत्काल भर्ती कराई जाए तथा संविदा प्रणाली को समाप्त किया जाए। प्रदेश  के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को वेतन संशोधन का लाभ बैण्ड एक रुपये 5200-20200 एवं ग्रेड वेतन 1800 वर्ष 2006 काल्पनिक रूप से अनुमन्य कराते हुए वास्तविक लाभ 8 सितम्बर 2010 से दिया गया है इसे केन्द्र सरकार की भाॅति एक जनवरी 2006 से वास्तविक लाभ दिया जाए। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को एक जनवरी 2006से ग्रेड वेतन 1800 रुपये अनुमन्य होने पर 30 नवम्बर 08 से पूर्व व्यवस्था के अन्तर्गत शासनादेश  संख्या वे.आ.-2-627/10-2007-44/2001टी.सी. 21 जून 2007में दी गयी समयमान वेतनमान देने की व्यवस्था के अन्तर्गत एक जनवरी 06 को मूल ग्रेड वेतन 1800 होने पर प्रथम प्रोन्नति वेतनमान/ग्रेड वेतन 1900(इग्नोर कर) अगला वेतनमान/ग्रेड वेतन 2000 एवं द्वितीय प्रोन्नति/ग्रेड वेतन 2400 (इग्नोर कर) को छोडकर 2800 वेतनमान ग्रेड वेतन दिया जाए। एक दिसम्बर 2008 से लागू सुनिश्चित कैरियर प्रोन्नयन (एसीपी) का तृतीय लाभ ग्रेड वेतन 4200 दिया जाए। पंचायती राज विभाग के अधीन कार्यरत सफाईकर्मिकों को ग्राम प्रधानों के नियंत्रण से मुक्त किया जाए। इनके कार्य के धन्टे निर्धारित किए जाए। 29 जुलाई 91 के प’्चात के समस्त विभागों में कार्यरत दैनिक वेतन/वर्कचार्ज कर्मिकों को नियमित कर पेंशन , ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाए।वर्दी भत्ते को लेकर किए गए वर्गीकरण को समाप्त करते हुए प्रदेश के समस्त चतुर्थ श्रेणी कर्मिकों को वर्दी भत्ता दिया जाए।  बेसिक शिक्षा  परिषद द्वारा संचालित पूर्व माध्यमिक परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत स्नातक/परास्नातक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को सेवारत प्रशिक्षण  दिलाकर प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पद पर पदोन्नति दी जाए। इन कर्मचारियों की सेवानियमावली बनाकर पदोन्नति का प्राविधान एवं मृतक आश्रित नियमवली 1974 का लाभ दिया जाए। इस बैठक में भारत सिंह यादव,जगदीश सिंह, रामसुरेश, रामयश, अमित यादव, दूधनाथ, ऊदल यादव, मायादेवी, नौरिशपाॅल, रामजी तिवारी, सत्यदेव वर्मा, दयाशंकर दीक्षित, सनंत मिश्रा, कृष्ण बहादूर गोकुल तिवारी, ओमप्रकाश, जगन्नाथ सिंह, धंनजंय मौर्या, गणेश यादव, हैदर हसन,शलीमुद्दीन, वरूण, अमृत लाल, रामबदल दुबे, सुनील कुमार जितेन्द्र नाथ, दीनानाथ वर्मा, अंजनी शुक्ला, जय प्रकाश, रामेन्द्र श्रीवास्तव, मालती कश्यप, जीतेन्द्र नेगी, मितुल सोनकर, शिवपूजन, हरिशचन्द्र उपस्थित थे। बैठक में विशेष रूप से आमंत्रित इन्दिरा भवन जवाहर भवन क अध्यक्ष सतीश कुमार पाण्डेय एवं राजकीय वाहन चालक संघ लोनिवि के अध्यक्ष त्रिलोक सिंह ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ के आन्दोलन को समर्थन देने की घोषणा की।