नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा के लिए वर्ष 2013 में हुए चुनाव के करीब एक साल बाद मतदाता एक बार फिर जनादेश देने शनिवार को मतदान केंद्रों पर पहु ंचे। मतदान जारी है और लोगों में, खासकर युवा मतदाताओं में इसे लेकर उत्साह देखा जा रहा है। दोपहर तीन बजे तक करीब 53 प्रतिशत मतदाता अपने मतों का प्रयोग कर चुके हैं। 

पिछले चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिल पाया था, जिसके कारण दिल्ली में एक स्थिर सरकार नहीं बन पाई। इस बार मुख्य मुकाबले में शामिल दोनों प्रमुख पार्टियों, भारतीय ज् ानता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) ने जनता से बहुमत देने की अपील की है।

70 सदस्यीय विधानसभा के सदस्यों के निर्वाचन के लिए मतदान शनिवार सुबह आठ बजे शुरू हुआ। शहरी और ग्रामीण इलाके में स्थित मतदान केंद्रों पर लोगों की भीड़ धीरे-धीरे उमड़ रही है।

पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर में सबसे पहले वोट डालने वाले मतदाताओं में से एक राजेंद्र शर्मा ने आईएएनएस से कहा, वोट डालना हमारा कत्तüव्य और अधिकार दोनों है, इसलिए हम यहां अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने पहुंचे हैं।

दक्षिण दिल्ली के गुलमोहर पार्क निवासी रेवती राव ने कहा कि जब वह मतदान केंद्र पर पहुंचीं तो वहां सिर्फ तीन लोग ही मौजूद थे।

हालांकि, पूर्वी दिल्ली के पांडव नगर के सरकारी स्कूल स्थित एक मतदान केंद्र में मतदान से पहले ही भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह दिल्ली के सभी मतदाताओं से वोट डालने की अपील की।

मोदी ने टि्वटर पर लिखा, मेरा निवेदन है कि आज दिल्ली के सभी मतदाता रिकार्ड संख्या में मतदान करें। मैं विशेष रूप से युवा मतदाताओं से बड़ी संख्या में मतदान करने का अनुरोध करता हूं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला आप और भाजपा के बीच है। दोनों दलों ने जनता से बहुमत के लिए वोट करने की अपील की है।

भाजपा की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार किरण बेदी ने कहा कि वह दिल्ली में नई सरकार के गठन को लेकर उत्सुक हैं। भाजपा को पिछले चुनाव में 31 सीट पर जीत मिली थी।

आप नेता अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को ट्वीट कर जनता से वोट की अपील की। 2013 चुनाव में आप ने 28 सीटें जाती थीं और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के 49 दिन बाद के जरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

इधर, सदर बाजार विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस नेता अजय माकन को पार्टी की जीत का भरोसा है। उन्होंने कहा, हम सिर्फ वास्तविक मुद्दे उठा रहे हैं। अन्य पार्टियों की तरह हम निम्न स्तरीय राजनीति नहीं कर रहे। दिल्ली में कांग्रेस अपने वादे पूरे कर सकती है।