पटना : बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को उनके पद से हटाए जाने की अटकलें तेज हो गई हैं और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) में इस मामले को लेकर घमासान मचा हुआ है। मांझी पर मुख्यमंत्री पद छोड़ने और नीतीश कुमार के लिए राह आसान करने की कवायद तेज हो गई है। गौर हो कि मांझी ने गुरुवार को इस्‍तीफे से इनकार कर दिया था। जेडीयू के भीतर बढ़ते तनाव के बीच मांझी ने गुरुवार रात बागी तेवर अख्तियार करते हुए अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव की ओर से आगामी 7 फरवरी को बुलाई गई जदयू विधायक दल की बैठक को ‘अनिधिकृत’ बताया। उन्‍होंने कहा कि विधायक दल की बुलाने का अधिकार नेता विधायक दल (मुख्यमंत्री) को है। दूसरी ओर, सीएम आवास पर आज मांझी समर्थक मंत्रियों की बैठक हो रही है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मांझी ने शरद यादव को जवाब देते हुए पार्टी के विधायक दल की बैठक अब 20 फरवरी को बुलाई है। जबकि शरद यादव ने शनिवार को ही बैठक बुलाई है। सूत्रों ने बताया कि बिहार मंत्रिमंडल से दो मंत्री हटाए जा सकते हैं। नीतीश कुमार के करीबी समझे जाने वाले दो मंत्री ललन सिंह और पीके शाही मंत्रिमंडल से हटाए जा सकते हैं। वहीं, जेडीयू नेता नीतीश मिश्रा ने मांझी को पद से हटाए जाने का विरोध किया है। वहीं, शिक्षा मंत्री वृषिण पटेल और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह भी मांझी के समर्थन में उतर आए हैं। उन्‍होंने शरद यादव के बैठक बुलाने को असंवैधानिक बताया है।

इससे पहले, मांझी ने गुरुवार रात एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि विधायक दल की बुलाने का अधिकार सदन नेता (मुख्यमंत्री) को है। सूत्रों से विदित विधानमंडल दल की आगामी 7 फरवरी की बैठक अधिकृत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा है कि उनके इस्तीफे की खबर बेबुनियाद है, जिसका वे खंडन करते हैं। इससे पूर्व बिहार में संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने बताया था कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के कहने पर आगामी सात फरवरी पार्टी विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। उक्त बैठक के एजेंडे के बारे में पूछे जाने पर बिहार विधानसभा में जदयू के सचेतक श्रवण ने कहा कि उसमें वर्तमान राजनीतिक हालात पर चर्चा होगी।

जहानाबाद से पटना लौटने पर मांझी ने विधायक दल की उक्त बुलाई बैठक को लेकर अपने मंत्रिमंडल के कुछ सदस्यों, करीबी विधायकों और समर्थकों के साथ देर शाम बैठक की जिसके बाद इस बैठक के अनिधिकृत होने को लेकर बयान जारी किया। राजनीति में हुआ यह परिवर्तन जदयू में बढ़ते टकराव और मांझी के स्पष्ट रुख कि वे मुख्यमंत्री पद नहीं छोडेंगे और संघर्ष करेंगे को प्रकट करता है। विधायक दल की बैठक बुलाए जाने की खबर फैलने पर शिक्षा मंत्री वृषिण पटेल, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री महाचंद्र सिंह और नगर विकास मंत्री सम्राट चौधरी और विधायक अनिल कुमार, जदयू के बागी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानु और रविंद्र राय मांझी, जदयू के वरिष्ठ नेता शकुनी चौधरी मांझी के समर्थन में उनके आवास पहुंचे। सासाराम :एसएसी: संसदीय सीट से पिछला लोकसभा चुनाव लडे पूर्व नौकरशाह केपी रमैया भी उस समय मांझी के आवास पर मौजूद थे।

प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार मांझी आगामी सात फरवरी को आयोजित जदयू विधायक दल की बैठक में भाग नहीं लेंगे। मांझी के आवास के बाहर महाचंद्र प्रसाद सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि विधायक दल की बैठक बुनाने का अधिकार सदन के नेता (मुख्यमंत्री) को है। शकुनी चौधरी ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मांझी आग हैं और उनको छुऐंगे वह जल जाएंगे। मांझी पर मुख्यमंत्री पद छोड़ने और नीतीश के लिए राह हमवार करने की चर्चाओं के बीच गुरुवार को यहां जदयू के शीर्ष नेताओं के बीच दिन भर चले बैठकों का दौर जारी रहा। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव भी गुरुवार को दिन में नीतीश के साथ दो बार मिले और उसके बाद मांझी के साथ उनके आवास पर एक घंटे बिताए।

जदयू के सभी नेता मुख्यमंत्री में बदलाव को लेकर चुप्पी बनाए हुए रहे पर उनकी लगातार जारी बैठक प्रदेश में राजनीति के गरमाने की ओर इशारा कर रहे हैं।

गौर हो कि पिछले वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में जदयू की करारी हार की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए गत वर्ष 19 मई को नीतीश ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते हुए मांझी को वर्ष 2015 के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव तक के लिए अपना उत्तराधिकारी चुना था पर उनके विवादित बयानों के कारण पार्टी नेताओं को फजीहत झेलनी पड रही है।