मुंबई: राजकोषीय घाटा नवंबर में ही लक्ष्य के पार चले जाने के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने खर्च में और कटौती का संकेत दिया है, जिससे चालू वित्त वर्ष के लिए इसे सीमित दायरे में रखा जा सके।

उन्होंने कहा कि उन्हें उधार के धन से काम चलाने में कोई भरोसा नहीं है। उन्होंने मुंबई में मौजूद उद्योगपतियों और योजना निर्माताओं को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कहा, जहां तक सरकार का संबंध है, हम व्यय को तर्कसंगत बनाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि हम नहीं चाहते कि सरकार अनिश्चितकाल तक उधार के धन से काम चलाए।

उन्होंने कहा, अपनी आय से ज्यादा खर्च करने और कर्ज चुकाने का जिम्मा अगली पीढ़ी पर छोड़ देने की पूरी अवधारणा (के आधार पर ही) पर आज जरूरत से ज्यादा खर्च कर रहे हैं, लेकिन यह कभी भी विवेकपूर्ण राजकोषीय नीति नहीं है।

जेटली ने व्यय में 10 प्रतिशत की कटौती के अलावा भी और कटौती का संकेत दिया, जिसकी घोषणा सरकार ने राजोषीय घाटे को बजट में प्रस्तावित 4.1 प्रतिशत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए की थी। हालांकि यह लक्ष्य 31 मार्च को समाप्त हो रहे चालू वित्त वर्ष से चार महीने महीने नवंबर में ही पार हो चुका है।