नई दिल्ली: शत्रुघ्न सिन्हा, यानि बीजेपी के ‘बिहारी बाबू’, इन दिनों अपनी ही पार्टी से नाराज चल रहे हैं, और ऐसा उनके उस बयान से साफ पता चला, जब उन्होंने विरोधी आम आदमी पार्टी की तारीफ कर डाली।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 के लिए पार्टी की ओर से प्रचार के लिए उतारे गए शत्रुघ्न सिन्हा ने साफ कहा, “अगर ‘आप’ के बारे में सवाल किए जा रहे हैं, तो इसका मतलब है ‘आप’ की ताकत दिख रही है… मुंबइया स्टाइल में कहूं तो ‘आप’ का बूमा-बूम हो रहा है… ‘आप’ की पकड़ दिखाई दे रही है…”

उनके बयानों से साफ है कि वह प्रचार के बहाने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व, खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी प्रमुख अमित शाह पर निशाना साधने से नहीं चूक रहे हैं। शत्रुघ्न सिन्हा ने इससे पहले भी अपने हर इंटरव्यू में विरोधियों से ज्यादा अपनी ही पार्टी की बखिया उधेड़ी है। चाहे वह अरविंद केजरीवाल की तारीफ करना रहा हो, या यह सलाह देना रहा हो कि पार्टी को नकारात्मक प्रचार नहीं करना चाहिए… चाहे यह कहना रहा हो कि किरण बेदी के स्थान पर हर्षवर्द्धन मुख्यमंत्री पद के बेहतर उमीदवार होते, या यूं कहना कि चंदे के नाम पर ‘आप’ को घेरना सही रणनीति नहीं है।

लेकिन असल सवाल यह है कि ‘बिहारी बाबू’ नाराज क्यों हैं। पार्टी नेताओं की मानें तो उनकी नाराजगी के दो प्रमुख कारण हैं – पहला, पार्टी ने उन्हें दिल्ली से पहले महाराष्ट्र और झारखंड में प्रचार के लायक नहीं समझा, जबकि मनोज तिवारी को स्टार प्रचारक बनाया, जिन्होंने वहां 40 से अधिक सभाओं को संबोधित किया।