लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने प्रदेश सरकार द्वारा सूबे के गन्ना किसानों के प्रति किये गये वादाखिलाफी पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुये कहा कि गन्ना किसानों को उनके बकाये गन्ना का भुगतान न मिलने से उसकी हालत अत्यन्त दयनीय हो गयी है। प्रदेष सरकार के इस रवैये से गन्ना किसानों की आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है, सपा सरकार के पूरे कार्यकाल में उन्हें सिर्फ हताशा और निराशा ही हाथ लगी है।

चौहान ने कहा कि वर्ष 12-13 में 10 करोड़, 13-14 में 700 करोड़ तथा 14-15 में 2200 करोड़ रूपया लगभग गन्ना किसानों का बकाया जिसका भुगतान करने में प्रदेश  सरकार हीलाहवाली कर रही है जिससे उसकी नीयत में खोंट नजर आता है। पहले भी वर्तमान उ0प्र0 सरकार ने मिलों में पेराई प्रारम्भ कराने तथा आगामी सत्र के गन्ना मूल्य निर्धारण में लापरवाही की हदें पार की हैं। साथ ही केन एक्ट के नियमों और न्यायालयों की अवहेलना करना सरकार की फिदरत में शामिल हो चुका है। 

चौहान ने कहा कि जब से प्रदेश सरकार सत्ता में आयी है तभी से गन्ना मिल मालिकों से सांठगांठ करके तथा उन्हें लाभ पहंुचाने के लिए किसानों के गन्ना भुगतान को 280 रूपये में किश्तों में देने का वादा किया था जिसमें कुछ मिल मालिकों द्वारा 260 रूपये के हिसाब से भुगतान किया गया और शेष 20 रू के भुगतान पर लीपापोती की गयी जिस पर सरकार ने कोई पहल नहीं की और मूक बनी बैठी रही। उन्होंने कहा कि 10 डी0एम0ओ0 को नोटिस जारी होने के बाद भी सरकार ने कोई पहल नहीं की। 240 रूपये का भुगतान पहले और शेष 40 रूपये का भुगतान करने की बात सिर्फ किसानों के साथ षड़यंत्र साबित हो गयी क्योंकि किसानों का अभी पिछला ही गन्ने के बकाया शेष है जिसका भुगतान नहीं हुआ है।

चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार ने न तो पिछले दो गत वर्षो की भांति इस वर्ष गन्ने के दामों में कोई भी बढोत्तरी नहीं की थी जबकि किसानों के गन्ना उत्पादन लागत में पिछले दो वर्षों से 25 प्रतिशत की वृद्वि भी हुयी है जिससे किसानों की कमर टूट गयी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को किसानों से चुनाव पूर्व किये गये वादों को याद करना चाहिए नहीं तो जिस प्रकार से किसानों ने उन्हें प्रदेश की सत्ता सौंपी है उसी प्रकार से सत्ता से बाहर कर देंगे।