मुंबई: ब्याज दरों पर यथास्थिति कायम रखने के एक दिन बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने आज कहा कि केंद्रीय बैंक के लिए मुद्रास्फीति अभी भी चिंता का विषय है और देश की मौद्रिक नीति परंपरागत बनी रहेगी।

राजन ने विश्लेषकों के साथ कॉन्फ्रेंस कॉल में कहा, मुद्रास्फीति को लेकर हम अभी भी चिंतित हैं। ऐसे में अन्य स्थानों पर मुद्रास्फीति में गिरावट के चलते हमारे लिए हमारे लिए आसानी हुई है क्योंकि हमें ऐसे वातावरण में महंगाई से मुकाबला नहीं करना पड़ रहा है जहां अन्य जगहों पर मुद्रास्फीति बढ़ रही हो। मुझे लगता है कि अभी हम मौद्रिक नीति को लेकर परंपरागत क्षेत्र में ही हैं। उनसे यह पूछा गया था कि ऐसे में जबकि कई विकसित देशों में नकदी बढ़ाने के उपाय किये जा रहे, एक उभरते बाजार का केंद्रीय बैंक अपनी मौद्रिक नीति कैसे बनाता है।

रिजर्व बैंक ने कल संकेत दिया कि वह नजदीकी से राजकोषीय मजबूती की प्रगति देख रहा है। राजन ने आगामी बजट से रिजर्व बैंक की उम्मीदों के बारे में और ब्योरा देते हुए कहा कि उपायों की गुणवत्ता महत्वपूर्ण होगी।

उन्होंने कहा कि गैर लक्षित या ठीक तरीके से सब्सिडी को लक्षित न करने की तुलना में पूंजीगत खर्च बढ़ाना अधिक अच्छा कदम होगा। गवर्नर ने कहा कि इस तरह की चीज मुद्रास्फीति के प्रबंधन की दृष्टि से भी अच्छी होगी, क्योंकि पूंजीगत खर्च से आपूर्ति पक्ष की दिक्कत दूर होगी। बचत दर में बढ़ोतरी के लिए राजन ने वित्तीय उत्पादों मसलन पीपीएफ, पीएफ, बीमा पालिसी आदि में कर लाभ बढ़ाने की वकालत की।