भुवनेश्वर। भारत ने शनिवार को कनस्तर आधारित अपने पहले सबसे अधिक शक्तिशाली व परमाणु क्षमता संपन्न मिसाइल अग्नि-5 का ओडिशा में सैन्य अड्डे से सफलतापूर्वक परीक्षण किया। यह 5,000 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेदने की क्षमता रखता है।
मिसाइल चीन और पाकिस्तान के अंदरूनी हिस्से तक लक्ष्य भेद सकता है। इसका परीक्षण भुवनेश्वर से करीब 200 किलोमीटर दूर भद्रक जिले में स्थित प्रक्षेपण स्थल इनर व्हीलर द्वीप से किया गया।
परीक्षण ऐसे दिन हुआ जब मिसाइल विकास में मुख्य भूमिका निभाने वाले अविनाश चंदर ने रक्षा शोध एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रमुख के पद से त्याग पत्र दे दिया। उन्होंने कार्यकाल पूरा करने के 15 महीने पहले ही इस्तीफा दे दिया।
परीक्षण स्थल के निदेशक एम.वी.के.वी.प्रसाद ने बताया, यह सर्वाधिक लंबी दूरी की मारक क्षमता वाले मिसाइल का कनस्तर आधारित संस्करण है। इसका कनस्तर से पहली बार परीक्षण किया गया है। परीक्षण पूरी तरह सफल रहा है।
यह अग्नि-5 का तीसरा, जबकि कनस्तर के सहारे किया गया पहला परीक्षण है। इससे सेना को परीक्षण स्थल के चुनाव की सुविधा मिल पाएगी। मिसाइल की लंबाई 17 मीटर और चौड़ाई दो मीटर है। इसे सड़क एवं रेल मार्ग से ले जाया जा सकता है।
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