लखनऊ: राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने सहारनपुर के मण्डलायुक्त को सहारनपुर जनपद में सरसावा, फतेहपुर, नानौता में 22.28 लाख रु0 की लागत से रोगी आश्रय स्थल बनाने हेतु आवंटित धनराशि का सदुपयोग न करने, रोगी आश्रय स्थल बनने में रूकावट, मुजफ्फराबाद और सढ़ौली कदीम कस्बों में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों जो  91-91 लाख रु0 की लागत से बनने थे लेकिन मुजफ्फराबाद में सिर्फ 5 प्रतिशत काम होने, जब कि सढ़ौली कदीम में 40 प्रतिशत काम होने के बाद कार्य में रूकावट आने, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नागल कस्बे में 5 करोड़ रु0 लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र निर्माण हेतु 2.50 करोड़ रुपये शासन द्वारा उपलब्ध होने के बावजूद भी काम शुरू न होने की जांच के आदेश दिए हैं।

सूचना आयुक्त ने इस आशय के आदेश श्री अशोक पाठक द्वारा सहारनपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से आर0टी0आई0 के तहत मांगी गई सूचना रिर्पोट में उक्त निर्माण हेतु शासन द्वारा करोड़ों रु0 का बजट जारी होने के बाद भी निर्माण कार्य न कराने एवं अधूरे निर्माण कार्य कार्यों को पूर्ण न करने के कारण दिए हैं।

सूचना आयुक्त श्री उस्मान ने वादी श्री अशोक पाठक को प्रतिवादी जनसूचना अधिकारी/मुख्य चिकित्साधिकारी, सहारनपुर द्वारा उपलब्ध कराई गयी रिर्पोट को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश पारित किए है। सहारनपुर के सी0एम0ओ0 ने आयोग को अवगत कराया कि जिले में 2007-08 से वर्ष 2011-12 के बीच स्वास्थ्य सेवाओं हेतु 35.36 करोड़ रु0 से 35 निर्माण कार्यों की स्वीकृति शासन से की गई। इसके लिए शासन से 18.77 करोड़ रु0 जिले को आवंटित भी हुए लेकिन इसमें तीन प्रोजेक्ट पर अब तक काम शुरू ही नहीं हुआ है। वही केवल 11 ऐसे प्रोजेक्ट है जिसमें दिसम्बर 2014 तक निर्माण कार्य 65 से 99 फीसदी तक ही पूर्ण हुए हैं।

देवबंद और गंगोह में 30 शैय्या की मेटरनिटी विंग तीन करोड़ से बननी थी। धनराशि जारी हो चुकी है निर्माण कार्य माह नवम्बर 2014 तक पूर्ण होना था लेकिन कार्य अब तक शुरू ही नहीं हुआ है। आयोग ने इन समस्त प्रकरणों की जांच के आदेश दिए हैं और मुख्य चिकित्साधिकारी सहारनपुर को स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए हैं।