लखनऊ: विधान परिषद की 12 सीटों के लिए हुए आज हुए चुनाव में भाजपा को करारा झटका लगा जबकि सपा और बसपा के सभी 11 उम्मीदवार जीत गए। वहीं, भाजपा के दूसरे उम्मीदवार दयाशंकर सिंह को हार का सामना करना पड़ा। 

चुनाव में विधानसभा के 404 विधायकों में से 399 ने वोट डाले। सपा के वकार अहमद शाह और प्रेम प्रकाश सिंह स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण वोट डालने नहीं आए। इसके अलावा चरखारी विधायक कप्तान सिंह राजपूत की सदस्यता निरस्त है इसलिए उनका वोट नहीं पड़ा। पीस पार्टी के विधायक अखिलेश सिंह वोट डालने नहीं पहुंचे। मनोनीत सदस्य पीटर फैन्थम का वोट भी नहीं पड़ा। बताया जा रहा है कि वे विदेश में हैं।

399 वोट में सपा के आठ उम्मीदवारों के खाते में प्रथम वरीयता के कुल 247, बसपा के तीन उम्मीदवारों के खाते में 101 और भाजपा के दो उम्मीदवारों के खाते में 51 वोट आए।

समाजवादी पार्टी से अहमद हसन, रमेश यादव, डॉ. सरोजनी अग्रवाल, रामजतन राजभर, साहब सिंह सैनी, अशोक वाजपेयी, वीरेंद्र सिंह गुर्जर प्रथम वरीयता के वोटों से ही जीत गए। आठवें उम्मीदवार आशू मलिक को जीत के लिए अन्य वरीयता के वोटों का इंतजार करना पड़ा।

बसपा से नसीमुद्दीन सिद्दीकी और धर्मवीर अशोक प्रथम वरीयता के मतों से जीत गए। पर, प्रदीप जाटव को प्रथम वरीयता के 30 वोट ही मिल पाए। तब उन्हें जीत के लिए अन्य वरीयता के वोटों का इंतजार करना पड़ा।

जबकि भाजपा लक्ष्मण आचार्य प्रथम वरीयता के 34 वोट पाकर जीत गए। दयाशंकर को सिर्फ 17 वोट ही मिल पाए। अन्य वरीयता के वोटों में भी वह पिछड़ गए इसलिए उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

इस बार चुनाव में 12 सीट के लिए 13 दावेदार मैदान में थे। इसी कारण से मतदान हुआ। कांग्रेस तथा राष्ट्रीय लोकदल ने इस बार अपने प्रत्याशी नहीं उतारे । कांग्रेस ने सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी को खुला समर्थन दिया जबकि राष्ट्रीय लोकदल ने बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशियों के समर्थन की घोषणा की थी