लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने निर्देश दिये हैं कि लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे के निर्माण में उपयोगार्थ ली जाने वाली मिट्टी ग्रामसभा की जमीनों से लिए जाने का प्रयास किया जाय ताकि ग्रामसभा की जमीनों पर खुदाई होने के फलस्वरूप पानी एकत्र करने हेतु तालाब स्वतः बन जायें। उन्होंने कहा कि चारागाहों की भूमि पर जानवरों के लिए पानी पीने हेतु तालाब बनाने के पूर्व परीक्षण अवश्य करा लिया जाय। उन्होंने कहा कि लखनऊ आगरा एक्सप्रेस-वे के निर्माण में आने वाली विद्युत लाइनों को स्थानान्तरित कराने हेतु अल्पकालिक टेण्डर आमंत्रित कराया जाय ताकि निर्माण कार्य में विलम्ब न हो। 

मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने सभागार में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे के  निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे के कार्यो की प्रगति पर सन्तोष व्यक्त करते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाय कि आगामी 31 जनवरी तक प्रस्तावित मार्ग की जमीन पर रोलर चलाकर आगे के कार्यो की प्रगति हेतु उसे अवश्य तैयार करा ली जाय। उन्होंने कहा कि अधिग्रहीत जमीन के सम्बन्ध में यदि कोई कार्यवाही सम्बन्धित विभागों में अवशेष हो तो प्राथमिकता से पूर्ण करा ली जाय। 

बैठक में मुख्य कार्यपालक अधिकारी, उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे डेवलपमेन्ट अथारिटी, श्री नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव, वित्त, श्री राहुल भटनागर, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे डेवलपमेन्ट अथारिटी श्री आशुतोष निरंजन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।