कुल शरीफ मे नवनीत सहगल हुए शरीक, निर्मल खत्री ने चढ़ाई चादर

लखनऊ: आलॅ इण्डिया गैर तरही मुशायरे के आयोजन के साथ हजरत ख्वाजा मोहम्मद नबी रज़ा शाह अलमारूफ दादा मियाँ के 107 वें का समापन पूरी शानो शौकत के साथ हुआ। उर्स के अन्तिम दिन श्रद्घालुओं और शहर की सम्मानित हस्तियों द्वारा चारपोशी का सिलसिला जारी रहा। उत्तर प्रदेश काग्रेंस कमेटी के अध्यक्ष निर्मल खत्री ने सज्जादा नशीन हजरत मोहम्मद सबाहत हसन शाह व,नुसरत अली,सज्जाद साहब  ,निरंजन जी आदि के साथ दरगाह दादा मियाँ पर चादर चढ़ाई व फूल पेश किये। 

उर्स के आखिरी  दिन दरगाह शरीफ दारूल ऊलूम शाहे रज़ा के तलवा (विद्यार्थीयों) ने दादा मियाँ की दरगाह पर र्कुआन ख्वानी कराई।जिसमें हाफिज नौशाद साहब ,कारी महमूद साहब ,हाफिज अब्दुल हन्नान फसाहती, कारी अहमद फसाहती, कारी मोहम्मद जरीफ आदि लोग मौजूद थे।

आज आखिरी कुल शरीफ में मुल्क भर से आये हुये अकीदत मन्दान खल्फा व जायेरीन की एक भारी भीड़ मौजूद थी।कुल शरीफ में शहर की नामी गिरामी हस्तियों के अलावा खान अतिफ साहब पूर्व विद्यायक, मौलाना मुसाहिदी साहब इमाम ईद गाह कानपुर,और नवनीत कुमार सहगल प्रमुख सचिव सूचना विभाग ने शिरकत की।

आज उर्स के आखिरी दिन चादर पोशी का सिलसिला जारी रहा जिसमें खुल्फा हजरात ने अपने मुरीदों के साथ कव्वाली कराते हुये दादा मियाँ की बारगाह में चादर पेश करके अपनी खिराजे अकीदत पेश कीं मेला परिसर में भी खुल्फा हजरात ने अपने अपने खेमों  में कव्वाली कराकर दादा मियाँ को नजराना ए अकीदत पेश किया। शाम को  गुस्ल व संदल शरीफ में भारी भीड़ उमड़ी । संदल शरीफ में मजारे पाक पर चन्दन का लेप लगाया जाता है। और गुलाब जल से नहलाया जाता है, इसकी खुश्बू पूरे वर्ष बरकरार रहती है। रात रात नौ बजे राष्ट्रीय  एकता के आधार पर एक आलॅ इण्डिया गैर तरही मुशायरे का आयोजन हुआ जो देर रात तक चला इसी के साथ इस साल के उर्स का औपचारिक समापन हुआ।