लखनऊ: उत्तर प्रदेश में  राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) के क्रियान्यवयन की स्थिति पर चाईल्ड राईट एण्ड यू (क्राई) के सहयोग से हुए अध्ययन के संबंध में एक दिवसीय विचार-विमर्श कार्यशाला का आयोजन होटल गोमती लखनऊ में किया गया। परिचर्चा का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अन्तर्गत शिक्षा के विकास हेतु किये जा रहे कार्यो की वस्तुस्थिति को साझा करना है। जिससे माध्यमिक स्तर की शिक्षा तक सभी बच्चो की पहुंच, समता व गुणवत्ता को सुनिश्चित करने हेतु शीर्ष प्राथमिकता पर रखते हुए क्रियान्वयन के बेहतर व साझे प्रयास किए जा सके। 

अध्ययन के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डालते हुए  कमलेश चन्द्र द्वारा बताया गया कि स्टेट एलाइंस वीओपी की सहयोगी संस्थाओं ने प्रदेश के 10 जिलों के 21 विकास खंडो के 30 विद्यालयों तथा 232 गांवों का सर्वेक्षण किया। इसमें मुख्य रूप से विद्यालय स्तर पर ढांचागत सुविधाओ, विद्यालयों की भौगोलिक स्थिति, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अन्तर्गत प्राप्त अनुदान एवं व्यय का विवरण, विद्यार्थी स्तर पर ड्रापआउट व शालात्यागी होने के प्रमुख कारण, कक्षावार परिवर्तन दर, विद्यालयों तक पहुंच, व उपलब्धता आदि की स्थितियों को अध्ययन में सम्मिलित किया गया। रामसा अध्ययन अन्तर्गत चिंहित 30 विद्यालयों में प्राप्त अनुदान के संदर्भ में जानकारी लेने का प्रयास किया गया। आकड़ों की माने तो वर्तमान में मात्र 6 प्रतिशत विद्यालयों को सरकार द्वारा अनुदान प्राप्त हुआ है, 40 प्रतिशत विद्यालयों में किसी भी प्रकार का अनुदान प्राप्त नही है एवं 54 विद्यालयों ने जानकारी उपलब्ध नही कराई। राज्य माध्यमिक शिक्षा रिर्पोट कार्ड 2012-13 के अनुसार माध्यमिक स्तर पर जातिवार नामांकन दर देखने पर पाया गया कि अनुसूचित जाति 22.64, अनुसूचित जनजाति 0.82, अन्य पिछड़ा वर्ग 48.78 प्रतिशत तथा मुस्लिम सिर्फ 3.26 प्रतिशत दर्ज की गयी। 

श्री विष्णुकान्त पाण्डेय, संयुक्त संचालक रमसा, उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा बताया गया कि 2009-10 में केवल 563 माघ्यमिक विघालय थे जिसकी संख्या 2013-14 में 1272 हो गई है। राज्य सरकार द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर कार्य किया जा रहा है। आपके द्वारा वीओपी और सहयोगी संस्थाओं कों इस आयोजन के लिए बघाई दी गई।

कार्यशाला के मुख्य अतिथि श्री अल्ताब खान, वरिष्ठ सलाहाकार, रमसा, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा बताया गया कि भारत सरकार द्वारा प्रशासनिक ढांचे को और अधिक मजबूत, सक्रिय व पारदर्शी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इससे माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत निर्धारित प्रावधानो को जमीन पर सही से उतारा जा सकेगा।  

वीओपी की पैरोकारी संयोजक  श्रुति नागवंशी एवं मुशताक अहमद द्वारा एलाइंस के साथियों द्वारा किये जा रहे प्रयास पर प्रकाश डाला गया। यह आयोजन बाल अधिकारो के लिए समर्पित अंतरराष्ट्रीय संस्था चाईल्ड राईट एण्ड यू (क्राई) व स्टेट एलाइंस वी.ओ.पी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की पार्टनर संस्थाओ के सहयोग से सम्पन्न हुआ। परामर्श कार्यशाला में खालिद चौधरी (एक्शन एड), पंकज मेहता, स्वेता वर्मा व शाहिन (काई नई दिल्ली), संजीव बी.जी.व्ही.एस, शिशिर (सहयोग) विनोद कुमार सिंह (एम ), अंकुर व नालंन्दा के प्रतिनिधि, वीओपी स्टेट कार्यालय से आशुतोष सिंह व रागनी सक्सेना एवं वीओपी के सहयेगी सदस्य उपस्थित हुए।