केन्द्र, राज्य कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति कर्मचारियों की समस्याओं  के लिए चलाएगी जनांदोलन 

लखनऊ । नेशनल ज्वान्इट काउन्सिल आफ एक्शन ऑफ सेन्ट्रल एण्ड स्टेट गर्वनमेंट इम्पलाइज आर्गेनाइजेशन के तत्वाधान में गठित केन्द्र, राज्य कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति,  उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों की एक संयुक्त प्रेस वार्ता एन.आर.एम.यू के मण्डलीय यूनियन भवन, चारबाग, लखनऊ में हुई। इस प्रेस वार्ता में संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक एवं एन.आर.एम.यू. के सहायक महामंत्री कामरेड आर.के.पाण्डेय, उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष कामरेड हरि किशोर तिवारी, महामंत्री, कामरेड शिव बरन सिंह यादव, केन्द्रीय कर्मचारी समन्वय समिति के कामरेड वीरेन्द्र तिवारी, कामरेड जे.पी.सिंह, यू.आर.एम.यू. के मण्डल मंत्री कामरेड आर.बी.सिन्हा आदि उपस्थित थे।

 केन्द्र, राज्य कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के प्रान्तीय संयोजक कामरेड आर.के.पाण्डेय ने बताया कि विगत 11 दिसम्बर, 2014 को नई दिल्ली में देश के जे.सी.एम. से जुड़े सभी केन्द्रीय श्रम संघों के शीर्ष पदाधिकारी शामिल थे ने सरकारी कर्मचारियों की लम्बे समय लम्बित प्रमुख समस्याओं के प्रति केन्द्र एवं राज्य सरकारों की उदासीनता के चलते चिन्ता व्यक्त की व सर्वसम्मत से यह निर्णय लिया कि एक राष्ट्रीय संयुक्त संघर्ष समिति गठित कर केन्द्र एवं राज्य सरकार कर्मचारियों की प्रमुख समस्याओं के हल हेतु एक जनान्दोलन की रणनीति तैयार की जाये। इस निर्णय के अनुसार जनवरी माह में सभी प्रान्तों में जन-जागरण कार्यक्रम, राज्य स्तरीय सम्मेलन, फरवरी-मार्च  माह में जिला स्तरीय सघन जन-जागरण कार्यक्रम व जिला/ तहसील मुख्यालयों पर प्रदर्शन एवं माह अप्रैल, 2015 में संसद भवन पर राष्ट्रीय स्तर का विशाल प्रदर्शन आयोजित किया जायेगा।

 कामरेड पाण्डेय ने आगे बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग के गठन की घोषणा उपरान्त 100 प्रतिशत मंहगाई भत्ते का वेतन में विलय, अन्तरिम राहत की घोषणा व वेतन आयोग की सिफारिशों को  01.01.2014 से लागू किये जाने जैसे विषयों पर चुप्पी, नई पेंशन स्कीम के माध्यम से दिनाँक 01.01.2004 उपरान्त नियुक्त सरकारी कर्मचारियों को पेंशन रूपी सामाजिक सुरक्षा कवच से वंचित किया जाना, लगभग सभी सरकारी विभागों/ निगमों में आउटसोर्सिंग/ निजीकरण की सरकारों की नीति के विरू( अब आर-पार की लड़ाई का संकल्प कर्मचारियों ने ले लिया है व उत्तर प्रदेश में केन्द्र व राज्य सरकार के कर्मचारी इस संघर्ष में निर्णायक भूमिका निभाने हेतु तैयारी हेतु एकजुट हो चुके हैं। प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता के दौरान कामरेड पाण्डेय ने यह बताते हुये आश्चर्य व्यक्त किया कि उत्तर प्रदेश राज्य सरकार के अधीन कार्यरत अनेक निगमों के सैकड़ों कर्मचारी आज भी चतुर्थ एवं पंचम वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वेतन प्राप्त करने को मजबूर हैं। उन्होंने सरकारी विभागों एवं निगमों में नियमित प्रकृति के कार्यें की आउटसोर्सिंग को अविलम्ब समाप्त किये जाने की माँग की। कामरेड पाण्डेय ने बताया कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद से शिव बरन सिंह यादव, राज्य कर्मचारी महासंघ से कमलेश मिश्रा, सतीश पाण्डेय, उत्तर प्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ से ओ.पी.राय, उत्तर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ से रामराज दुबे, राजकीय वाहन चालक महासंघ से प्रमोद कुमार नेगी व निगम कर्मचारी महासंघ से एस.ए.एच.जैदी को सह संयोजक चुना गया है। उन्होंने यह भी बताया कि केन्द्रीय श्रम संघों के विभिन्न घटकों का प्रतिनिधित्व कर रहे कन्फेडरेशन से जे.पी.सिंह, नेशलन फेडरेशन ऑफ पोस्टल  इम्प्लाइज से वीरेन्द्र तिवारी, ए.आई.आर.एफ. से डी.एन.चौबे, एन.एफ.आई.आर. से आर.बी.सिन्हा एफ.एन.पी.ओ. से आर.के.त्रिपाठी को भी संयुक्त संघर्ष समिति का सह संयोजक चुना गया है।

इसी अवसर पर कामरेड हरि किशोर तिवारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश औषधि निर्माण एवं वितरण निगम के सैकड़ों कर्मचारी विगत लगभग 36 महीनों से वेतन भुगतान से भी वंचित हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के लगभग सभी विभागों में कर्मचारियों के स्वीकृत पदों के विरू( बड़ी तादाद में रिक्त पदों विशेषकर ग्रुप-डी पदों को न भरे जाने पर आक्रोश व्यक्त किया। प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय कर्मचारी समन्वय समिति के कामरेड वीरेन्द्र तिवारी ने रेल, रक्षा व डाक आदि सेवाओं में विदेशी विनिवेश व पी.पी.पी. की सरकारी नीति की तीव्र भर्त्सना की। यू.आर.एम.यू. के मण्डल मंत्री व प्रान्तीय सह संयोजक कामरेड आर.बी.सिन्हा ने सभी केन्द्र व राज्य सरकार एवं निगमों के कर्मचारियों हेतु उनके कैरियर न्यूनतम पाँच पदोन्नति अवसर व बोनस पर लागू सीलिंग को समाप्त किये जाने की पुरजोर माँग की। कामरेड शिव बरन सिंह यादव, प्रान्तीय सह संयोजक व महामंत्री, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने बताया कि राज्य सरकारें श्रम कानूनों में बदलाव के नाम पर  कार्पोरेट घरानों को लाभ पहुँचाना चाहती हैं। उन्होंने मौजूदा आकस्मिक, दैनिक वेतन भोगी व अप्रेन्टिस कर्मचारियों को नियमित किये जाने पर जोर दिया।

 प्रेस वार्ता के अन्त में संयोजक कामरेड पाण्डेय ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य एवं केन्द्र सरकार के कर्मचारियों की संयुक्त संघर्ष समिति दिनाँक 17 जनवरी, 2015 को राज्य भवन, लखनऊ समीप स्थित विशेश्वरैया हाल में प्रातः 11 बजे से प्रान्तीय सम्मेलन का आयोजन कर रही है। इससे पूर्व दिनाँक 06 जनवरी, 2015 को इन्दिरा/ जवाहर भवन, एवं  13 जनवरी, 2015 लखनऊ में को लोको-वर्कशाप, चारबाग पर केन्द्र व राज्य सरकार कर्मचारियों की विशाल सभा का आयोजन किया जायेगा।