जश्ने खैरूलबशर मरकज़ी मीलाद कमेटी के तत्वाधान जलसा हुआ

लखनऊ। पैगम्बरे इस्लाम हजरत मुहम्मद साहब के पैदाइश के अवसर पर एक अजीमुश्शान जलसा ”जश्न खैरूल बशर” के विषय से मरकज़ी मीलाद कमेटी के अन्र्तगत विक्टोरिया स्ट्रीट, तरकारी मण्डी, चैक में अयोजित हुआ। जलसे का उद्घाटन मौ0 डा0 सईदुर्रहमान आजमी नदवी ने किया और मौलाना तारिक रशीद फंरगी महली, मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, और मौ0 मुहम्मद मुशताक़ ने जलसे को सम्बोधित किया। जलसे का आरम्भ कारी वसीम अहमद की तिलावत से हुआ। जलसे का संचालन रफत शेदा सिद्दीक़ी ने की। इस अवसर पर मरकजी मीलाद कमेटी की ओर से समाजी, मिल्ली, शैक्षिक मैदान में अपनी सेवाओं का योग्यदान देने  एवार्ड दिए गए। जिसमें मौ0 अबुल हसन अली मियाँ नदवी ”इल्मी एवार्ड” मौ0 तारिक रशीद फरंगी महली को, , सुलतान शाह आरिफ मियाँ ”खिदमत खल्क एवार्ड” मुहम्मद उस्मान को और हाजी मुहम्मद उमर ”समाजी एवार्ड” डा0 दिनेश शर्मा मेयर लखनऊ को दिया गया।

जलसे को सम्बोधित करते हुए मौलाना तारिक रशीद फरंगी महली ने मुहम्मद साहब की जिन्दगी के अलग अलग हिस्सों को उजागर करते हुए कहा कि नई पीढ़ी को मुहम्म्मद साहब की जिन्दगी से अवगत कराना हर माँ-बाप की जिम्मेदारी है ताकि बच्चों की परवरिश, शिक्षा और उनके व्यवहार पर उसके असर कायम हों और नई पीढ़ी मुहम्मद साहब को ही अपना आइडियल मानकर ही अपनी जिन्दगी गुजारे। डा0 सईदुर्रहमान आजमी नदवी ने कहा कि खुदा पाक ने नबी पाक सल्ल0 को इस दुनिया में इस लिए भेजा ताकि उनके माध्यम से खुदा पाक के पैगाम को इंसानों तक पहुंचाकर उनको सही इंसान बनाया जा सके और इंसानों को इंसानियत का सही पाठ्य सिखाया जा सके ताकि रोती बिलकती हुई इंसानियत को सुकून मिले।

मौ0 खालिद रशीद फरंगी महली इमाम ईदगाह लखनऊ ने कहा कि आप का व्यक्तित्व तमाम मानवता के लिए रहमत, प्रेम, दया का नमूना था। आप के काल में हर तरफ शान्ति थी लोग एक दूसरे के अधिकारों का सम्मान करते थे और मानवता का आदर करते थे। आप अपने पीछे एक एैसी जमाअत छोड़ गये जिसने आप की शिक्षा को पूरे संसार में फैलाया और आप के बताये हुए मार्ग पर चल कर दोनों जहान की कामयाबी प्राप्त की। जलसे को मौ0 मुहम्मद मुशताक ने भी सम्बोधित किया।

इस अवसर पर एक सोनियर का विमोचन हुआ और नातिया मुशयरे का भी आयोजन किया गया। कमेटी के अध्यक्ष मुहम्मद उस्मान और उपाध्यक्ष रफीक अहमद, रईस अहमद उर्फ रईसे, रईस अहमद महासचिव, सचिव सूफी इज्हार अली, मुहम्मद गौस और मु0 सोहराब ने मेहमानों का स्वागत किया।