लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पता नहीं था कि वो अपनी एक छोटी सी भूल के कारण सोशल मीडिया पर, विवाद के शिकार हो जाएंगे। असल में अखिलेश ने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने आमिर ख़ान की फिल्म ‘पीके’ को इंटरनेट से डाउनलोड कर के देखा है।  

अखिलेश ने ये टिप्पणी 31 दिसंबर को एक प्रेस कॉफ्रेंस के दौरान दी जब वे यूपी में ‘पीके’ फिल्म को टैक्स-फ्री करने की जानकारी दे रहे थे। अखिलेश ने इसी दौरान ये भी कहा था कि वे इस फिल्म से काफी प्रभावित हुए हैं।   

अखिलेश ने कहा, ”लोग मुझे कई दिनों से ‘पीके’ देखने के लिए कह रहे थे, मैंने इसे कुछ दिन पहले इसे डाउनलोड किया था पर कल रात ही देख पाया हूँ। मुझे ये फिल्म बेहद पसंद आयी और मैंने तब ही इसे कर-मुक्त करने का फैसला कर लिया था ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोग इसे देख सके।”

अखिलेश ने आगे कहा, ”ये फैसला उन उपद्रवी तत्वों को संदेश होगा जो लोग उत्तरप्रदेश और देश के अन्य इलाकों में इस फिल्म का ये कहकर विरोध कर रहे हैं कि इसमें हिंदू देवी-देवताओं और साधु-संतों का अपमान किया गया है।”लेकिन, इसके तुरंत बाद देश के सबसे युवा मुख्यमंत्री को सोशल मीडिया साईट ट्विटर पर पायरेसी के आरोप झेलने पड़े.

ट्वीटर पर वो तस्वीर भी चिपकाई गई जिसमें मुख्यमंत्री के बयान का स्क्रीनशॉट लगा हुआ था.

हालांकि विवाद बढ़ता देख मुख्यमंत्री दफ्तर ने डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश भी शुरु कर दी, मुख्यमंत्री दफ्तर ने एक ट्वीट के ज़रिए कहा, ”यूपी के मुख्यमंत्री ने यूएफओ मूवीज़ नाम की कंपनी को फिल्में डाउनलोड कर देखने के लिए लाईसेंस दे रखा है, इसलिए पीके को डाउनलोड कर देखने पर किया जा रहा विवाद बेवजह है।

अधिकारियों के अनुसार यूपी के मुख्यमंत्री के पास एक वैध डाउनलोड सुविधा है, हालाँकि ये साफ नहीं है कि उसका इस्तेमाल नई रिलीज़ हुई फिल्मों पर किया जा सकता है या नहीं।