नई दिल्ली: कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच आंध्र प्रदेश में वायरस का नया स्ट्रेन मिला है. इसे AP स्ट्रेन और N440K नाम दिया गया है. सेंटर फॉर सेल्यूलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB) के वैज्ञानिकों का दावा है कि भारत में मौजूदा स्ट्रेन के मुकाबले यह 15 गुणा ज्यादा खतरनाक है. यह B1.617 और B1.618 के बाद का आया नया वेरिएंट है.

अबतक 5 वैरिएंट मिल चुके हैं
दक्षिण भारत में अब तक कोरोना के 5 वैरिएंट मिल चुके हैं. इनमें AP स्ट्रेन आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में तेजी से फैल रहा है. इसका असर महाराष्ट्र में भी देखा गया है. सबसे पहले इस स्ट्रेन की पहचान आंध्र प्रदेश के कुरनूल में हुई थी. विशाखापत्तनम और राज्य के अन्य हिस्से में लोगों के बीच जो खौफ पैदा हुआ था उसकी वजह ये वेरिएंट हो सकता है.

15 गुणा अधिक खतरनाक
सीसीएमबी के वैज्ञानिकों ने अध्ययन के दौरान पाया, “कोरोना के N440k वेरिएंट में A2a प्रोटोटाइप स्ट्रेन के मुकाबले 15 गुणा अधिक वायरस फैलाने की क्षमता है. कोरोना का A2a प्रोटोटाइप स्ट्रेन दुनियाभर में फैला हुआ है. ऐसे में अन्य वायरस की तुलना में कोरोना के N440k वेरिएंट कम समय में कई गुणा अधिक वायरस पैदा करने की क्षमता रखता है.”

आबादी के एक खास हिस्से में फैल रहा है यह वायरस
वैज्ञानिकों ने कई केन्द्रों से वायरस का सैंपल इकट्ठा किया है उनमें से 50 फीसदी में कोरोना का N440k वेरिएंट पाया गया है. इसमें यह भी पता चला कि यह वायरस आबादी के एक खास हिस्से में फैल रहा है और अन्य वेरिएंट्स के मुकाबले कहीं यह ज्यादा स्थानीय है.