टीम इंस्टेंटखबर
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा द्वारा कांग्रेस के ‘लड़की हूँ लड़ सकती हूँ’ अभियान का उपहास उड़ाने वाले बयान को पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया और महिलाओं की सुरक्षा व सम्मान के मुद्दे को उठाते हुए भाजपा सरकार पर सवाल खड़े किए।

उन्होंने कहा कि जेपी नड्डा भाजपा के पहले नेता नहीं हैं जिन्होंने ऐसा किया, आख़िरकार बार बार भाजपा महिलाओं, लड़कियों का उपहास क्यों कर रही है? उनको लड़कियों के सशक्तिकरण से क्या दिक्क़त है? बात साफ़ है वह इस अभियान पर हमला कर रहे हैं क्योंकि वे नहीं चाहते कि महिलाएं स्वतंत्र हों, सशक्त हों। नारी शक्ति से केवल नड्डा जी ही नहीं उनकी पूरी पार्टी डरती है। नड्डा जी, महिलाएँ सिर्फ़ कुरीतियों के ख़िलाफ़ या संकुचित मानसिकता के ख़िलाफ़ ही नहीं लड़ रही हैं बल्कि वह सबसे बड़ी लड़ाई अपने हक़ की लड़ रही हैं – वह समानता की लड़ाई लड़ रही हैं, समान शिक्षा और अवसरों की लड़ाई लड़ रही हैं, और अब वह रुकने वाली नहीं हैं। नड्डा जी और भाजपा को लगता है कि महिलाएं केवल एक बाथरूम और एक गैस सिलेंडर के लायक हैं। बार बार शौचालय और गैस सिलेंडर का हवाला दे कर आखिरकार भाजपा क्या सिद्ध करना चाहती है? शौचालय एक अधिकार है- एक सुविधा है-किसी भी सरकार की ज़िम्मेदारी है, यह महिलाओं के ऊपर कोई उपकार नहीं है।

इसी मानसिकता को बदलने की प्रियंका गांधी ने ठानी है। वह लड़कियों के लिए एक सुरक्षित परिवेश की बात करती हैं, जहां वह उन्मुक्त हों, निडर हों और हौसले की ऊँची उड़ान भरें। उन्होंने लड़कियों के लिए नौकरी, शिक्षा, स्वावलम्बन, सम्मान, सुरक्षा की क्रांति का आवाहन किया है – और इसी बात से भाजपा परेशान है।