घरों में रहकर ही मनाएं बकरीद: मौलाना ख़ालिद रशीद


कुर्बानी संभव न हो तो गरीबों और जरूरतमंदों की करें मदद: मौलाना जव्वाद

लखनऊ: कोरोना महामारी चलते ऐशबाग ईदगाह में सिर्फ 6 लोगों के साथ मौलाना ख़ालिद रशीद (maulana khalid rasheed) फ़िरंगी महली ने नमाज अदा की । वहीं मजलिस उलमा-ए-हिन्द के महासचिव व इमामे जुमा मौलाना कल्बे जव्वाद (maulana kalbe jawwad) नकवी ने मुसलमानों से ईदुल अजहा के मौके पर सरकार और चिकित्सकों के निर्देश और सलाह का पालन करते हुए कुर्बानी अंजाम देने की अपील की है। मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने सभी को शुभकामनाएं देते हुए लोगों से अपील की है कि घरों में रहकर ही बकरीद मनाएं। घरों में नमाज़ अदा कर कुर्बानी करें। कुर्बानी की जगह को सैनिटाइज करें।

मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने कहा कि पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना वायरस के चलते सबसे कठिन दौर से गुजर रही है और हमारा देश भारत भी इस खतरनाक वायरस से प्रभावित है। देश-प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ऐसे में मुसलमानों की जिम्मेदारी है कि कोरोना वायरस के बचाव के लिए सरकारी निर्देशों और चिकित्सकों की सलाह का पालन करें।

मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि अगर कुर्बानी के लिए जानवर उपलब्ध न हो या किसी अन्य कारण से इस वर्ष कुर्बानी संभव न हो तो गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें। यह कुर्बानी का बदला तो नहीं हो सकता लेकिन इस महामारी के दौर में अल्लाह की रजा हासिल करने का बेहतरीन तरीका है। मौलाना ने कहा कि कुर्बानी के लिए सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। कुर्बानी सुन्नत-ए-मोअक्किदा है और जान की हिफाजत वाजिब है। क्योंकि लापरवाही से केवल हम खुद ही बीमार नहीं होंगे, बल्कि दूसरों की जिंदगी के लिए भी खतरा बन सकते हैं। मौलाना ने कहा कि ईदुल अजहा पर मस्जिदों में जमात के लिए न जाएं और घर पर व्यक्तिगत रूप से नमाज अदा करें।